Sharda Sinha Networth: लोकगीतों से अमर हुईं शारदा सिन्हा, जानिए कितनी संपत्ति की मालिक थी स्वर कोकिला
punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2024 - 01:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: छठ पूजा का समय था, घर-घर में छठ गीतों की आवाज़ गूंज रही थी, और इसी बीच एक दुखद खबर आई कि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका निधन 5 नवंबर, 2024 को दिल्ली के एम्स में हुआ, और यह खबर छठ के इस महापर्व के दौरान आई, जब उनकी गायकी के गीत हर किसी के दिलों में बस चुके थे। शारदा सिन्हा का जाना संगीत और खासकर छठ पूजा के गीतों के जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शारदा सिन्हा अपने पीछे कई करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गई हैं।
शारदा सिन्हा की संपत्ति और करियर
शारदा सिन्हा के करियर में उन्होंने टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स जैसे प्रमुख संगीत कंपनियों के लिए 62 छठ गीत गाए। उनके गाए गीतों में खासकर 'उग हो सूरजदेव', 'मैंने प्यार किया', और 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' जैसे गीत बहुत लोकप्रिय हुए। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और हिंदी सिनेमा के कई गीतों को भी अपनी आवाज़ दी। हालांकि शारदा सिन्हा ने कभी ज्यादा पैसा कमाने की कोशिश नहीं की, लेकिन उनकी कला और गायकी ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शारदा सिन्हा के पास करीब 35 से 42 करोड़ रुपए की संपत्ति थी, जिसे अब वह अपने दोनों बच्चों के लिए छोड़ गईं हैं।
शारदा सिन्हा के गीतों ने छठ पूजा को बनाया था और भी खास
शारदा सिन्हा का योगदान छठ पूजा के गीतों के क्षेत्र में अतुलनीय रहा है। उनके गाए छठ गीतों ने इस त्योहार को सिर्फ बिहार-झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश में भी लोकप्रिय बना दिया। शारदा सिन्हा की आवाज में एक विशेष पवित्रता और आस्था का मेल था, जो श्रोताओं के दिलों को छू जाता था। उनका गाया हुआ हर गीत मानो छठ पर्व की पूजा को और भी भावपूर्ण बना देता था। हालांकि आज भी कई गायिका छठ गीत गाती हैं, लेकिन शारदा सिन्हा की आवाज़ का अपना एक खास स्थान था, जो आज भी उसी तरह श्रोताओं के बीच जिंदा है। वह एक आदर्श गायिका थीं, जिनके गाने बिहार-झारखंड से लेकर न्यूयॉर्क और लंदन तक के श्रोताओं के दिलों में बस गए थे।
शारदा सिन्हा का जीवन
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की और समस्तीपुर के एक कॉलेज में संगीत की प्रोफेसर भी रही थीं। शारदा सिन्हा का परिवार भी संगीत से जुड़ा हुआ था। उनके पति ब्रज किशोर सिन्हा का कुछ महीने पहले ही निधन हो गया था। उनके दो बच्चे हैं, बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना सिन्हा। वंदना अक्सर अपनी मां के साथ लोकगीत गाती नजर आती थीं।
शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा
शारदा सिन्हा का पटना में एक आलीशान घर है, जहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। परिवार और उनके चाहने वाले वहां पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।शारदा सिन्हा का निधन संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके गाए गीतों की गूंज सदा हमारे बीच रहेगी। उनके गीत छठ पूजा और पारंपरिक संगीत का हिस्सा बन चुके हैं, और यह हमेशा हमारे दिलों में जिन्दा रहेगा।