ऑफ द रिकार्ड: सोनिया के साथ पवार की संयुक्त रैलियां

punjabkesari.in Saturday, Sep 08, 2018 - 12:12 PM (IST)

नई दिल्ली: विपक्षी पाॢटयों के साथ गठबंधन करने के लिए बनाई गए अति शक्तिशाली विमर्श टीम में शरद पवार को जगह मिल सकती है। यह बात अलग है कि शरद पवार देश भर में सोनिया और जद (एस) नेता एच.डी. देवगौड़ा के साथ संयुक्त रैलियों को संबोधित करना चाहते हैं। राहुल गांधी ने जब पवार से कहा कि उन्हें ममता बनर्जी जैसी चतुर नेत्रियों को गठबंधन में शामिल करने के लिए अहम भूमिका निभानी है तो उनका सीना चौड़ा हो गया। इसके बाद पवार ने राहुल को सुझाव दिया कि गठबंधन को मजबूत करने के लिए सभी राज्यों में संयुक्त रैलियां होनी चाहिएं। इसके पीछे पवार की मंशा यह है कि कांग्रेस रैलियां आयोजित करने के लिए पैसा खर्च करे और वह उन रैलियों को संबोधित करें। 

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राहुल गांधी प्रस्ताव पर शांत दिखे लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को रद्द नहीं किया है। इसके बावजूद भी शरद पवार एकाएक सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में धर्मनिरपेक्ष पाॢटयों के साथ गठबंधन के लिए बात शुरू कर दी है। कांग्रेस के वे नेता जिन्हें इस मराठा क्षत्रप की निष्ठा पर अक्सर शक रहा है, वे भी अब उनके इस प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हैं। वे अब तर्क दे रहे हैं कि पवार के अन्य दलों से अच्छे संबंध का सही इस्तेमाल होना चाहिए। यहां तक कि महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता भी उनके खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं।

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एम.पी. में बसपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन करीब-करीब तय
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ बसपा का गठबंधन करीब-करीब तय हो गया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 25 से 28 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इनमें ज्यादातर सीटें बघेल खंड और ग्रिड क्षेत्र की हो सकती हैं। कमलनाथ चाहते हैं कि  राहुल की कैलाश मानसरोवर यात्रा से पहले दोनों दलों के बीच होने वाले गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सके। यह बात अलग है कि कांग्रेस को विश्वास है कि वह अपने बूते ही भाजपा को हरा सकती है, बावजूद इसके कमलनाथ कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते। 

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Anil dev

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