HDFC बैंक के CEO शशिधर जगदीशन पर लगे गंभीर आरोप, लीलावती ट्रस्ट ने सस्पेंड करने की मांग की
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 10:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने HDFC बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन को सस्पेंड करने की मांग की है। ट्रस्ट ने जगदीशन और बैंक के 8 पूर्व अधिकारियों पर 25 करोड़ रुपये के पैसों के गबन का आरोप लगाया है। ट्रस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से अपील की है कि वे जगदीशन को तुरंत सस्पेंड करें और उन पर मुकदमा भी चलाएं। हालांकि, HDFC बैंक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।
क्या हैं ट्रस्ट के आरोप?
5 जून को लिखे एक पत्र में लीलावती ट्रस्ट ने दावा किया कि HDFC बैंक के बड़े अधिकारियों ने संदिग्ध संपत्ति के सौदों के जरिए 25 करोड़ रुपये के हेरफेर में मदद की। ट्रस्ट का कहना है कि रेड अलर्ट के बावजूद वे इस पैसे के ट्रांसफर को रोक नहीं पाए और बिना ठीक से जांच किए खाते को बंद करने की इजाजत दे दी।
मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 30 मई को एक आदेश दिया था, जिसमें बांद्रा पुलिस को जगदीशन और 7 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। NDTV प्रॉफिट की एक रिपोर्ट के अनुसार, FIR में आरोप है कि जगदीशन ने ट्रस्ट के एक पुराने सदस्य से 2.05 करोड़ रुपये लिए थे, ताकि ट्रस्ट के मौजूदा ट्रस्टी के पिता को परेशान किया जा सके। यह लेनदेन कथित तौर पर एक हाथ से लिखी डायरी में दर्ज है, जो मौजूदा ट्रस्ट सदस्यों को मिली है। कोर्ट ने पुलिस को और सबूत इकट्ठा करने को कहा है, ट्रस्ट को डर है कि पुराने सदस्यों ने कुछ और सबूत मिटा दिए होंगे।
बेईमान व्यक्ति कर रहे निशाना
HDFC बैंक ने आरोपों का जवाब देते हुए एक बयान जारी किया है। बैंक ने कहा, "HDFC बैंक के MD और CEO शशिधर जगदीशन को बेईमान लोग निशाना बना रहे हैं। वे बैंक को लंबे समय से बकाया कर्ज वसूलने से रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।"
बैंक के प्रवक्ता ने इन आरोपों को अपमानजनक और बेतुका बताया है और उनसे इनकार किया है। HDFC बैंक के बयान के मुताबिक, ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों पर HDFC बैंक का काफी कर्ज बकाया है, जिसे उन्होंने कभी नहीं चुकाया। बैंक ने कहा कि पिछले दो दशकों से बैंक वसूली की कोशिश कर रहा है और हर बार प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों ने कई परेशान करने वाली कानूनी कार्रवाई की हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों में लगातार हारने के बाद, अब उन्होंने बैंक के MD और CEO के खिलाफ इस तरह का हथकंडा अपनाया है।