Serial killer Ravinder Kumar: 7 साल में 30 बच्चियां को बनाया शिकार, पहले हत्या करता फिर शव से दुष्कर्म... हैवानियत की हदें पार, बोला- मुझे उसमें मजा आता था
punjabkesari.in Sunday, Aug 24, 2025 - 12:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क : दिल्ली की एक अदालत ने 35 साल के हैवान रविंद्र कुमार को एक और केस में दोषी करार दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए हैं और आरोपी की दलीलों में कोई दम नहीं है। अब अदालत 28 अगस्त को उसे कड़ी सजा सुनाएगी।
यह भी पढ़ें - Heavy Rain Alert: 23, 24, 25, 27, 28 अगस्त तक होगा बारिश का तांडव, IMD ने इन राज्यों में जारी किया हाई अलर्ट
कैसे खुला मामला?
यह सनसनीखेज मामला साल 2014 का है, जब ढाई साल की एक मासूम अचानक घर से लापता हो गई थी। कुछ ही घंटों बाद उसकी लाश बरामद हुई। पुलिस जांच के बाद शक की सुई रविंद्र कुमार तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने ऐसा खौफनाक सच बताया जिससे पुलिस के भी होश उड़ गए।
आरोपी की हैवानियत
पुलिस के अनुसार रविंद्र ने कुबूल किया था कि उसने अब तक 7 सात साल में 30 बच्चियों का अपहरण, रेप और हत्या की है। उसने बताया कि उसका निशाना ज्यादातर 6 से 12 साल की बच्चियां होती थीं। वह नशे या ड्रग्स के असर में रात को निकलता और शिकार की तलाश में कई किलोमीटर पैदल चलता। बच्चियों को पैसे या टॉफी का लालच देता और सुनसान जगह ले जाकर दरिंदगी करता। कई बार हत्या के बाद वह शव के साथ भी रेप करता। उसने बताया कि 'मुझे उसमें मजा आता था', रविंद्र ने यह भी कबूला कि 'मैंने 2 साल के बच्चे तक को नहीं बख्शा।'
आरोपी की पृष्ठभूमि
रविंद्र मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला है। उसका पिता प्लंबर और मां घरेलू कामगार थीं। वह 2008 में काम की तलाश में दिल्ली आया। यहां नशे और पोर्न फिल्मों की लत ने उसे अपराध की राह पर धकेल दिया। उसी साल उसने पहली बार एक मासूम को शिकार बनाया था।
बार-बार गिरफ्तारी और सजा
- 2014 में पहली बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन सबूतों की कमी से छूट गया।
- 2015 में 6 साल की बच्ची के अपहरण मामले में फिर पकड़ा गया।
- इस बार पुलिस के पास ठोस सबूत थे। मई 2023 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
- तब से वह जेल में बंद है।
पोस्टमार्टम से हुआ था बड़ा खुलासा
2014 वाले केस में अदालत ने कहा कि बच्ची को आखिरी बार रविंद्र के साथ देखा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट, होंठों पर दांतों के निशान और दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई। अदालत ने माना कि यह हत्या जानबूझकर की गई और बेहद निर्मम थी।
अदालत की सख्त टिप्पणी
अदालत ने रविंद्र कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 (हत्या) और 363 (अपहरण) में दोषी पाया। अदालत ने कहा – 'यह अपराध अमानवीय और निर्मम है। कानून और समाज में उसके लिए किसी तरह की नरमी की कोई जगह नहीं है।'