होमवर्क नहीं किया तो मासूमों के उतरवाए कपड़े, फोटो वायरल होते ही मचा भारी बवाल; मान्यता रद्द करने की मांग
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 12:52 PM (IST)
नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाली एक अत्यंत गंभीर घटना सामने आई है। यहाँ के जताखेड़ा गांव स्थित सेंट एंजेलास स्कूल में होमवर्क पूरा न करने पर नन्हे स्कूली बच्चों को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया गया। आरोप है कि शिक्षकों ने बच्चों के कपड़े उतरवाकर उन्हें अर्धनग्न अवस्था में पूरे स्कूल में घुमाया। इस घटना का चित्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद समूचे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
घटना का विवरण और वायरल फोटो का सच
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निजी स्कूल सेंट एंजेलास के प्रबंधन ने अनुशासन के नाम पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। मासूम बच्चों द्वारा गृहकार्य (होमवर्क) न लाने पर सजा के तौर पर उनके कपड़े उतरवा दिए गए। इतना ही नहीं, उन्हें अर्धनग्न स्थिति में मुर्गा बनाया गया और अन्य कक्षाओं के सामने प्रदर्शन कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। जैसे ही इस घटना की तस्वीर सार्वजनिक हुई, बच्चों के अभिभावकों और स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
भारी हंगामा और धार्मिक भेदभाव के आरोप
फोटो वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में पालकों और हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल परिसर का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे तक स्कूल में हंगामा किया और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग उठाई। इस दौरान स्कूल की प्राचार्य समरीन खान और शिक्षक शिबू खान पर गंभीर आरोप लगाए गए। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि स्कूल में बच्चों को सनातन धर्म के प्रतीकों, जैसे हाथ में कलावा बांधने और माथे पर तिलक लगाने से भी रोका जाता है। लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य करार दिया है।
प्रशासनिक कार्रवाई: एक लाख का जुर्माना
मामले की संवेदनशीलता और बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) संजय सिंह तोमर स्वयं मौके पर पहुँचे। जाँच के दौरान जब उन्होंने पीड़ित बच्चों और गवाहों से बात की, तो कपड़े उतरवाकर प्रताड़ित करने की शिकायत सही पाई गई। त्वरित कार्रवाई करते हुए डीईओ ने स्कूल प्रबंधन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना आरोपित किया है।
डीईओ ने स्पष्ट किया कि बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए और मामले की विस्तृत जाँच की जाए।
पुलिस बल की तैनाती और कानूनी रुख
हंगामे के दौरान भीड़ के उग्र होने की स्थिति को देखते हुए थाना मंडी पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। पुलिस बल ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं। प्राचार्य और संबंधित शिक्षकों की भूमिका की जाँच की जा रही है और जल्द ही संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
स्थानीय निवासियों और पालकों का कहना है कि इस स्कूल में लंबे समय से अवैध गतिविधियाँ और बच्चों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार की शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। अब वे स्कूल को स्थायी रूप से बंद करने की मांग पर अड़े हैं।
