अकेली पड़ी 'जिहादी दुल्हन', नवजात बेटे ने तोड़ा दम
Saturday, Mar 09, 2019 - 04:47 PM (IST)
लंदन: सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ) के प्रवक्ता ने ब्रिटेन से भागकर इस्लामिक स्टेट में शामिल हुई शमीमा बेगम के नवजात बेटे की सीरिया के शरणार्थी शिविर में मौत होने की पुष्टि की है। इससे पहले भी उसकी मौत की खबरें आईं थी। अमेरिका सर्मिथत एसडीएफ बलों ने शुक्रवार को कहा कि शमीमा के दो सप्ताह के बेटे जर्राह के चिकित्सा प्रमाणपत्र के मुताबिक निमोनिया से उसकी मौत हो गई है।
बच्चे की मौत परिवार के लिए दुखद
एडीएफ बल उस जगह शिविर चला रहे हैं जहां 19 वर्षीय शमीमा शरण लिए हुए है। ब्रिटेन सरकार के प्रवक्ता ने कहा किसी भी बच्चे की मौत परिवार के लिए दुखद एवं तकलीफदेह है। शिविर में कुर्दिशरेड क्रिसेंट के लिए काम कर रही सहायक चिकित्सक ने कहा कि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसे बृहस्पतिवार की सुबह अस्पताल भेजने से पहले चिकित्सक को दिखाया गया था, लेकिन बृहस्पतिवार की दोपहर बाद उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद उसकी मां शमीमा बेगम को वापस शिविर लाया गया और बेटे को शुक्रवार को दफना दिया गया।
दो दोस्तों के साथ सीरिया भाग गई थी शमीमा बेगम
शमीमा बेगम 2015 में आईएस के लड़ाके के साथ शादी करने के लिए पूर्वी लंदन में अपने दो दोस्तों के साथ सीरिया भाग गई थी। यह वह वक्त था जब समूह ने कई युवाओं को लुभाने के लिए आनलाइन भर्ती कार्यक्रम चलाया था। अब 19 साल की हो चुकी शमीमा सीरिया में शरणार्थी शिविर में रह रही है और हाल में उसने संवाददाताओं से कहा कि वह घर वापस लौटना चाहती है। उसने एक डच नागरिक से शादी कर ली जो उसे अपने नवजात बच्चे के साथ नीदरलैंड ले जाना चाहता है।
शमीमा के पिता करेंगे ब्रिटिश सरकार से अनुरोध
ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जावेद ने शमीमा की नागरिकता रद्द कर दी है जबकि उनसे कहा गया था कि वह कोई ऐसा निर्णय नहीं कर सकते जिससे कोई व्यक्ति देशविहीन हो जाए। उसके परिवार का कहना है उसके पास दोहरी नागरिकता नहीं है। इस संबंध में मामला अदालत में लंबित है। बांग्लादेश के एक गांव में रहने वाले शमीमा के पिता अहमद अली ने मंगलवार को एपी से कहा कि वह ब्रिटिश सरकार से अनुरोध करेंगे कि उनकी बेटी को लौटने की अनुमति दे। उत्तर पूर्वी बांग्लादेश के सुनामगंज जिले में रहने वाले अली ने कहा, ‘‘मेरी बेटी जब भागी थी तब वह केवल 15 साल की थी। वह नादान थी।’’