School Closed: 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के भी School होंगे बंद...सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 10:09 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इस सीजन में सबसे ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गया है, बता दें कि इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 493 तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में देरी को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि जब 12 नवंबर को वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई थी, तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्तर 3 और 4 लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों की गई?
10वीं और 12वीं के छात्रों के फेफड़े अलग हैं
जस्टिस ओका ने सरकार से पूछा, "आपने प्रदूषण रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं?" दिल्ली सरकार के वकील ज्योति मेहंदीरत्ता ने बताया कि दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षाओं के अलावा बाकी सभी कक्षाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं, जबकि 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई बंद कर दी गई है। इस पर जस्टिस ओका ने कहा, "क्या यह मजाक है? क्या 10वीं और 12वीं के छात्रों के फेफड़े अलग हैं? उन्हें भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करें।"
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर AQI 300 से नीचे भी जाता है, तो भी GRAP-4 हटाने की अनुमति बिना कोर्ट के आदेश के नहीं दी जाएगी। वहीं, दिल्ली के वकील ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अभी भी स्कूल खुले हैं। यूपी सरकार ने बताया कि GRAP-4 लागू कर दिया गया है और 19 नवंबर से स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया है। हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद, और सोनीपत में 12वीं तक के स्कूल बंद हैं।
साथ ही, प्रदूषण के कारण दिल्ली में मास्क पहनने का चलन बढ़ गया है। एसी और एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी बढ़ा है। डॉक्टर्स की सलाह है कि जब तक प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं होता, तब तक बाहर कम से कम जाएं और पानी पीते रहें। एन95 और एन99 मास्क पहनने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये मास्क पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों से बचाने में सक्षम हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट पर भी प्रदूषण का असर पड़ा है, जहां कोहरे और कम दृश्यता के कारण 100 उड़ानें देरी से उड़ीं, 15 उड़ानों का मार्ग बदला गया और 7 उड़ानें रद्द की गईं। एयरलाइन कंपनियों ने यात्रियों से अपील की कि वे उड़ान की स्थिति के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क करें।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदूषण को एक मेडिकल इमरजेंसी बताया है और केंद्र से हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हो गई हैं, लेकिन यूपी और एमपी में इनकी संख्या बढ़ी है। पंजाब में 2021 में 71,300 किलो पराली जली थी, जो 2023 में घटकर 36,650 किलो रह गई, जबकि यूपी और राजस्थान में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
प्रदूषण की इस बढ़ती समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी की है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है।