सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम बहुविवाह, निकाह हलाला पर केंद्र से मांगा जवाब

punjabkesari.in Monday, Jul 23, 2018 - 07:17 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा को चुनौती देने वाली नई याचिका पर सोमवार को केन्द्र सरकार से जवाब मांगा। न्यायालय ने इसके साथ ही इस याचिका को भी उस संविधान पीठ के पास भेज दिया जिससे पहले ही इन याचिकाओं पर सुनवाई का अनुरोध किया गया है।

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मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने फरजाना की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और वकील अश्विनी उपाध्याय की इस दलील पर विचार किया कि यह याचिका भी पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी जाये। शीर्ष अदालत ने केन्द्र को नोटिस जारी करते हुये फरजाना की याचिका इसी मुद्दे पर पहले से ही लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न कर दी।

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याचिका में मुस्लिम समाज में बहुपत्नी और निकाह हलाला जैसी प्रथा को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि इन प्रथाओं से संविधान के अनुच्छेद 14 ख 15, 21 और 25 का उल्लंघन होता है। याचिका में यह भी घोषित करने का अनुरोध किया गया है कि न्यायेत्तर तलाक देना भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत क्रूरता है, निकाह हलाला भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत अपराध और बहुविवाह प्रथा धारा 494 के तहत अपराध है।

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शीर्ष अदालत ने पिछले साल 22 अगस्त को सुन्नी मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में तीन तलाक देने की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने 26 मार्च को बहुविवाह प्रथा और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकायें संविधान पीठ को सौंप दी थीं। इन याचिकाओं पर न्यायालय ने विधि एवं न्याय मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग को नोटिस जारी किये थे।

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Yaspal

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