तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने के आदेश में दखल से SC का इनकार, कर्नाटक में प्रदर्शन
punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2023 - 04:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट द्वारा पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) और कावेरी जल नियमन समिति (CWRC) के आदेश में दखल से इनकार करने के बाद कर्नाटक के कावेरी नदी बेसिन के जिलों में प्रदर्शन शुरू हो गया। किसानों के संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठनों ने अपना रोष जाहिर करने के लिए मैसुरु, मांड्या, बेंगलुरु और अन्य हिस्सों में प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से तमिलनाडु के लिए पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया। कर्नाटक राज्य रैथा संघ और किसान संगठन हसीरु सेना ने मैसुरु में बासवेश्वर क्षेत्र में प्रदर्शन किया और ‘‘छोड़ने के लिए पानी कहां है?'', ‘‘हम न्याय की मांग करते हैं'' के नारे लगाए। उन्होंने प्रदर्शन के तहत मैसुरु में कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण के कार्यालय का घेराव करने की भी योजना बनाई है। एक किसान नेता ने कहा कि कावेरी और काबिनी बेसिन के तालुकाओं को पहले से ही सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि CWMA का आदेश तमिलनाडु के पक्ष में है क्योंकि इसमें कर्नाटक के जलाशयों के जल स्तर, खड़ी फसलों और पीने के पानी की जरूरतों को ध्यान में नहीं रखा गया है। कर्नाटक रक्षण वेदिके ने गांधीनगर में प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से किसी भी कीमत पर तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया। वेदिके के प्रमुख टी. ए. नारायण गौड़ा ने इसे कर्नाटक के लिए ‘‘काला दिन'' करार देते हुए कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने CWMA के आदेश को बरकरार रखकर हमारे लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘जमीनी हकीकत को समझे बिना आदेश जारी किए गए हैं, ऐसे में हमें सुप्रीम कोर्ट और CWMA के आदेशों की अवहेलना करनी होगी। हमने (कर्नाटक) कहा है कि हम पानी जारी करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि हमारे चार बांधों में यहां तक कि पीने का पानी भी नहीं है और हमने उनसे स्थिति के आकलन के लिए टीम भेजने को कहा है। इसके बावजूद दिल्ली में बैठे CWMA ने आदेश जारी कर दिया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'' गौड़ा और वेदिके के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया और पुलिस वाहनों में ले जाया गया।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से राज्य के हित में कड़ा फैसला लेने और पानी जारी नहीं करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आदेशों की अवमानना के लिए सभी कार्यकर्ता और लोग उनके साथ जेल जाने के लिए तैयार हैं। सिद्धरमैया को पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा की तरह की कदम उठाना चाहिए जो आदेशों के जवाब में एक अध्यादेश लेकर आए थे।'' भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री आर. अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार पर कांग्रेस के राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए कर्नाटक के लोगों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया। CWMA ने सोमवार को कर्नाटक को तमिलनाडु को 15 और दिनों तक 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ना जारी रखने को कहा। एक सप्ताह पहले CWRC ने भी इसी तरह की सिफारिश की थी।