पुतिन का ट्रंप को ठेंगा! दोस्त मोदी को दिया बड़ा तोहफा ! तेल खरीद पर और बढ़ाई छूट
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 08:23 PM (IST)

International Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों और टैरिफ के बावजूद भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इस बीच रूस ने भारत को तेल पर दी जाने वाली छूट बढ़ाकर 3-4 डॉलर प्रति बैरल कर दी है। पिछले हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर थी, जबकि जुलाई में यह केवल 1 डॉलर प्रति बैरल थी।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह नई दरें सितंबर और अक्टूबर में भारत को भेजे जाने वाले तेल पर लागू होंगी। यह कदम ऐसे समय में लिया गया है जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जो अब बढ़कर 50 फीसदी हो गया है।
अमेरिका का आरोप और चिंता
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे यूरोप और अफ्रीका को रीफाइन करके प्रीमियम कीमत पर बेचता है जिससे रूस को युद्ध में वित्तीय मदद मिलती है। नवारो का कहना है कि ट्रंप के यूक्रेन पर हमला करने से पहले भारत रूस से बहुत कम तेल खरीदता था।
भारत की रूस से सांझेदारी
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है।
- साल 2022 से भारत ने रूस से तेल खरीद में तेजी लाई, इसे केवल 1% से बढ़ाकर 40% कर दिया।
- 2024-25 में भारत ने अपने कुल 5.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के तेल आयात में से 36% रूस से खरीदा जो कि इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका से आने वाले तेल की तुलना में बहुत अधिक है।
- इस समय रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है।
भारत का रुख और तर्क
भारत ने कहा है कि रूस के साथ एनर्जी ट्रेड पूरी तरह से वैध है और कोई भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध कच्चे तेल की खरीद पर रोक नहीं लगाता। भारत ने अमेरिका के एकतरफा टैरिफ को व्यापारिक त्रासदी करार दिया। भारत ने यह भी कहा कि वह रूस से भारी मात्रा में तेल और सैन्य उपकरण खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम। ट्रंप की टैरिफ धमकियों और अमेरिका के आरोपों के बीच भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए रूस के साथ सहयोग जारी रखेगा। रूस की ओर से दी गई नई छूट से भारत के रिफाइनरियों को आर्थिक लाभ मिलेगा और अमेरिकी टैरिफ का असर कम होगा।