घर में कैश रखने के नियम: जानें क्या है इनकम टैक्स का नियम और कैसे बचें एक्शन से

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 01:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आजकल कई लोग अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए घर पर बड़ी मात्रा में कैश रखते हैं, चाहे वह इमरजेंसी के लिए हो या फिर किसी अन्य उद्देश्य से। हालांकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि घर में रखे गए कैश के लिए भी कुछ नियम हैं जिन्हें समझना जरूरी है। अगर आप भी घर में कैश रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि घर पर कितना कैश रखना सुरक्षित है, और इनकम टैक्स विभाग की ओर से किन परिस्थितियों में एक्शन लिया जा सकता है। घर पर कैश रखना कोई अपराध नहीं है, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास उस कैश का सोर्स हो। यदि आपके पास कोई बड़ी राशि है और आप उसका सोर्स साबित नहीं कर पाते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग से समस्या हो सकती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित रूप से आयकर रिटर्न भरें और सुनिश्चित करें कि आपकी आय और कैश का सोर्स स्पष्ट हो।

क्या घर में कैश रखने पर कोई लिमिट है?

इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक घर पर रखे गए कैश के मामले में कोई खास लिमिट नहीं है। अगर आप खुद आर्थिक रूप से सक्षम हैं, तो आप अपने घर में जितना चाहें उतना कैश रख सकते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप बिना किसी सोर्स के कैश रख सकते हैं। यदि आपके घर में कैश की बड़ी राशि पाई जाती है, तो आपको उस राशि का सोर्स बताना पड़ेगा। इसके साथ ही, आपको आयकर रिटर्न (ITR) का डिक्लेरेशन भी दिखाना होगा।

सोर्स का प्रमाण देना होगा

अगर आपके घर में बड़ी मात्रा में कैश रखा गया है और उसका सोर्स जांच एजेंसियों द्वारा पूछा जाता है, तो आपको इसका प्रमाण देना होगा। अगर आप अपने कैश का सोर्स नहीं बता पाते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग यह जांच करता है कि आपने कितना टैक्स भरा है। यदि आपको अपनी आय का सही-सही खुलासा नहीं कर पाते हैं और जांच में कोई अनडिस्कलोज कैश (जो आपने टैक्स में नहीं बताया) मिलता है, तो विभाग आपके खिलाफ एक्शन ले सकता है। इस स्थिति में आपको भारी पेनल्टी भी भुगतनी पड़ सकती है। 

पैन कार्ड और आईटीआर डिक्लेरेशन की अहमियत

जब भी आप अपने खाते में एक बार में 50 हजार रुपए से ज्यादा कैश जमा या निकालते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड दिखाना पड़ता है। पैन कार्ड और आयकर रिटर्न के डिक्लेरेशन से यह साबित होता है कि आपका आय का सोर्स सही है और आपने अपने टैक्स कर्तव्यों का पालन किया है। अगर कोई व्यक्ति पिछले 3 साल से आयकर रिटर्न (ITR) फाइल नहीं करता है और वह एक वित्तीय वर्ष में बैंक से 20 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निकालता है, तो उसे इस राशि पर 2% टीडीएस (Tax Deducted at Source) देना पड़ सकता है। इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निकालता है तो उसे 5% टीडीएस देना होगा।

क्या होता है जब आप सोर्स नहीं बता पाते?

यदि आपके पास कैश का सोर्स नहीं है और आप इसे सही ढंग से साबित नहीं कर पाते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग कार्रवाई करने से पहले आपके आय का सोर्स पूछेगा। यदि आप इसका ठीक से उत्तर नहीं दे पाते हैं, तो विभाग आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत आपकी राशि को जब्त किया जा सकता है, और कई मामलों में गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। इसलिए यदि आप घर में कैश रखते हैं तो जरूरी है कि उसके सोर्स को सही ढंग से प्रस्तुत करें।

 राहत भी है, अगर आपने ITR भरा है

अगर आप नियमित रूप से आयकर रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको कुछ राहत मिल सकती है। यह साबित करता है कि आपकी आय और कैश की स्थिति पारदर्शी है, और आपको बगैर सोर्स के कैश रखने के लिए मुश्किलें नहीं उठानी पड़ेंगी। 
 


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News Editor

Rahul Rana

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