Pahalgam Attack: अहमदाबाद के पर्यटक ऋषि भट्ट का ज़िपलाइनिंग वीडियो आया सामने, खुली खौफनाक साजिश की परतें
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 08:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट के कुछ चौंकाने वाले वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जो 22 अप्रैल को कश्मीर की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के दौरान रिकॉर्ड किए गए थे। ऋषि एक सामान्य पर्यटन यात्रा पर परिवार संग पहलगाम गए थे, लेकिन वहां जो अनुभव उन्होंने झेला, वो किसी डरावने सपने से कम नहीं था।
मौत के ऊपर से गुजरा ज़िपलाइन
हमले के वक्त ऋषि भट्ट ज़िपलाइनिंग कर रहे थे, और उसी दौरान नीचे फायरिंग हो रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि हमले की शुरुआत होते ही ज़िपलाइन ऑपरेटर ने उन्हें रोकने की बजाय स्लाइड पर भेज दिया — और वह 'अल्लाह हू अकबर' कहकर चुपचाप खड़ा रहा, जैसे सबकुछ पहले से तय हो।
Another video of Pahalgam victim
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) April 28, 2025
A Local Kashmiri on ropeway said "Allah-Akbar" 3 times before pushing Rishi Bhatt down where Terrorists were hiding
But this incident has no religion pic.twitter.com/eo9WnbsL9X
ऋषि ने बताया कि पहले उनकी पत्नी और बेटा ज़िपलाइनिंग कर चुके थे, लेकिन जैसे ही उनकी बारी आई, ऑपरेटर का बर्ताव बदला और फायरिंग शुरू हो गई। ऋषि को शक है कि ज़िपलाइन ऑपरेटर हमले में शामिल था, क्योंकि वह न तो घबराया, न ही कोई मदद का संकेत दिया — उल्टा उसने एक धार्मिक नारा लगाया और फायरिंग के बीच उन्हें ज़िपलाइन पर छोड़ दिया।
मौत से मुठभेड़ और 20 फीट से छलांग
ऋषि ने जैसे-तैसे खुद को बचाया। ज़िपलाइन पर फायरिंग के बीच उन्होंने उसे बीच में रोका और लगभग 20 फीट ऊंचाई से कूद गए। वहां से वह किसी तरह अपनी पत्नी और बेटे के पास पहुंचे और सभी ने मिलकर एक गड्ढे जैसी जगह में छिपकर जान बचाई। ऋषि के अनुसार, गोलीबारी लगभग 10 मिनट चली और कुछ देर रुककर दोबारा शुरू हुई।
एनआईए की जांच और जिपलाइन ऑपरेटर की गिरफ्तारी
ऋषि की वीडियो क्लिप्स और बयान सामने आने के बाद, एनआईए ने कार्रवाई करते हुए ज़िपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया है। ऑपरेटर पर शक जताया जा रहा है कि वह आतंकियों के संपर्क में था या उन्हें हमले की जानकारी थी।
सवालों के घेरे में स्थानीय सहयोग
इस पूरी घटना ने स्थानीय लोगों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में देखा गया कि जहां पर्यटक गोलियों से भाग रहे थे, वहीं जिपलाइन ऑपरेटर पूरी तरह शांत खड़ा था। कई लोग सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या स्थानीय लोग हमलावरों से मिले हुए थे?
भारतीय सेना का त्वरित एक्शन
घटना के बाद, भारतीय सेना मौके पर पहुंची और 20-25 मिनट के भीतर पहलगाम को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया। सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया और स्थिति पर काबू पाया गया। ऋषि और उनका परिवार अब सुरक्षित है, लेकिन उनके अनुभव ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।