भारत में अचानक बंद हुआ Reuters का मुख्य X अकाउंट, सरकार ने दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 02:32 PM (IST)

National Desk : भारत में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी Reuters का मुख्य X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट अचानक बंद कर दिया गया है। जब भी कोई यूजर भारत में इस अकाउंट को खोलने की कोशिश करता है, तो स्क्रीन पर एक संदेश दिखता है। "यह अकाउंट भारत में एक कानूनी मांग के चलते रोका गया है"। इस संदेश के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेज हो गईं कि क्या भारत सरकार ने रॉयटर्स पर बैन लगाया है। लेकिन अब सरकार की ओर से जो प्रतिक्रिया आई है, उसने इस मामले को और उलझा दिया है।
सरकार की सफाई – हमने नहीं दिया कोई नया आदेश
भारत सरकार के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा है कि रॉयटर्स के X अकाउंट को बंद करने के लिए सरकार की ओर से कोई नया निर्देश नहीं दिया गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत सरकार एक्स (X) कंपनी के संपर्क में है और जल्द ही यह मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। इसका मतलब साफ है कि सरकार ने फिलहाल रॉयटर्स को बैन करने का कोई ताजा कदम नहीं उठाया है, लेकिन फिर सवाल उठता है कि अकाउंट बंद क्यों हुआ?
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिया गया था पुराना आदेश
इस मामले में सरकारी सूत्रों का कहना है कि 7 मई 2024 को "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था। उस समय कई हैंडल्स को अस्थायी रूप से भारत में ब्लॉक किया गया था लेकिन Reuters का मुख्य अकाउंट उस लिस्ट में शामिल नहीं था। अब ऐसा माना जा रहा है कि एक्स कंपनी ने उसी पुराने आदेश को अब लागू कर दिया है, जबकि उसकी अब कोई जरूरत नहीं है। यही कारण है कि सरकार ने एक्स से जवाब मांगा है और अकाउंट को फिर से चालू करने की मांग की है।
कौन-कौन से अकाउंट्स पर है रोक?
यह ध्यान देने वाली बात है कि केवल Reuters का मुख्य X अकाउंट और Reuters World अकाउंट ही भारत में बंद किए गए हैं। वहीं, Reuters Tech News, Reuters Fact Check, Reuters Asia और Reuters China जैसे अकाउंट्स अभी भी भारत में खुले हुए हैं। इससे यह साफ होता है कि किसी व्यापक प्रतिबंध की जगह केवल कुछ चुनिंदा अकाउंट्स को ही रोका गया है।
एक्स का क्या कहना है?
एक्स (X) कंपनी के हेल्प सेंटर पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर किसी देश की कोर्ट या सरकार की ओर से वैध कानूनी मांग आती है तो कंपनी उस देश में किसी पोस्ट या अकाउंट को ब्लॉक कर सकती है। हालांकि इस मामले में भारत सरकार ने कोई नई मांग नहीं भेजी है, इसलिए एक्स द्वारा उठाया गया यह कदम खुद कंपनी की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है। यही वजह है कि यह मामला अब विवाद का विषय बन गया है।
Reuters की ताकत क्या है?
Reuters एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी है, जो थॉमसन रॉयटर्स समूह का हिस्सा है। इसके पास दुनिया भर में 200 से ज्यादा जगहों पर मौजूदगी है और इसमें 2,600 से अधिक पत्रकार काम करते हैं। यह एजेंसी वैश्विक राजनीति, बाजारों, युद्धों, कूटनीति और अन्य अहम अंतरराष्ट्रीय मामलों की व्यापक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती है। इसलिए भारत में इसके मुख्य अकाउंट पर रोक लगना न सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स बल्कि पत्रकारिता जगत में भी चिंता का विषय बन गया है।
क्या रोक स्थायी है या अस्थायी?
अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह रोक स्थायी है या अस्थायी। साथ ही जिस 'लीगल डिमांड' के तहत यह कदम उठाया गया है उसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है।
सरकार और एक्स के बीच इस विषय पर बातचीत जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।