शोधकर्ताओं ने खोजा किडनी के इलाज का सफल तरीका, दवा के जरिए सीरम क्रिएटिनिन पर पाया काबू

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2024 - 09:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय शोधकर्ताओं ने नीरी के.एफ.टी. दवा को किडनी के इलाज में रामबाण बताया है। शोधकर्ताओं ने दवा के जरिए मरीजों 42 दिनों में सीरम क्रिएटिनिन के स्तर को काबू करने का सफल परीक्षण किया है। बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन ईरान के मेडिकल जर्नल एविसेना जर्नल ऑफ मेडिकल बायोकेमिस्ट्री ने प्रकाशित किया गया है। इसका संचालन चर्चित हमादान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन साइंसेज कर रहा है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि  नीरी के.एफ.टी. 19 जड़ी-बूटियों से बनी एक भारतीय आयुर्वेदिक दवा है जिसमें पुनर्नवा, गोखरू, वरुण, कासनी, मकोय, पलाश, गिलोय मिश्रण है।

भारतीय वैज्ञानिकों के साथ खोज करने वाले एमिल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने मीडिया को बताया कि पारंपरिक चिकित्सा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। आयुर्वेद में किडनी को मजबूती देने के लिए कई औषधियों का जिक्र है। नीरी के.एफ.टी. पर अब तक कई चिकित्सा अध्ययन हुए हैं जिनमें इसे असरदार पाया गया है।

देश में क्रोनिक किडनी डिजीज का इलाज
शोधकर्ताओं के अनुसार समय पर पहचान न होने से क्रोनिक किडनी डिजीज यानी सीकेडी का बोझ लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर यह करीब 13 फीसदी तक है। भारत की बात करें तो 10 में से नौ सीकेडी रोगी महंगे उपचार का भार नहीं उठा सकते। इसलिए सस्ते विकल्प के तौर पर पारंपरिक चिकित्सा के वैज्ञानिक तथ्यों का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया है।

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने नीरी के.एफ.टी. दवा एवं कबाब चीनी का इस्तेमाल करते हुए पाया कि 15-15 मरीजों के दोनों समूह में अनेक सकारात्मक प्रभाव हैं। दोनों समूहों के मरीजों के सीरम क्रिएटिनिन में कमी दर्ज की गई। दूसरे ई.जी.एफ.आर. यानी ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन दर में भी सुधार पाया गया।  इसमें बढ़ोत्तरी सुधार का संकेत है। यह दोनों पैरामीटर किडनी की कार्य प्रणाली में सुधार के संकेत हैं। इन औषधियों के सेवन से मरीजों में अरुचि और थकान में भी कमी पाई गई।


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Content Editor

Mahima

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