रिपोर्ट-भारत के पड़ोसी देशों में हिंदुओं की हालत खराब, 25 साल बाद बांग्लादेश में नहीं होगा कोई हिंदू

Sunday, Apr 04, 2021 - 03:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दुनिया के कई देशों में हिंदुओं की हालत बदतर होती जा रही है और 25 साल बाद बांग्लादेश में तो एक भी हिंदू नहीं बचेगा। सेंटर फॉर डेमोक्रेसी प्लूरेलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (CDPHR) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति खराब है और आने वाले समय में हालात तो यह होंगे कि यहां एक भी हिंदू नहीं बचेगा। साल 2015 में हुई इस स्टडी में पाया गया कि अगले चार दशकों में दुनिया में धार्मिक आबादी में बड़ा फेरबदल होगा। क्रिश्चिएनिटी, इस्लाम और अनेक धर्मों समेत हिंदू धर्म पर भी स्टडी की गई और समझने की कोशिश की गई है कि अगले 40 सालों में कौन से देश में किस तरह की धार्मिक आबादी का बोलबाला होगा। 

CDPHR की चौंकाने वाली रिपोर्ट
इस स्टडी में चौंकाने वाली बात सामने आई है कि साल 2050 में हिंदू धर्म को मानने वाले और इसमें यकीन रखने वालों की दुनियाभर में आबादी सिर्फ 15% रह जाएगी। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सिर्फ भारत में ही होंगे। तब भारत में उनकी आबादी 1.297 बिलियन हो सकती है। वर्तमान की बात करें तो इस समय सबसे ज्यादा हिंदू धर्म में यकीन रखने वाले लोग हैं जिनकी कुल जनसंख्या का 79.8 फीसदी है।

 

जानिए किस देश में कैसी है हिंदुओं की हालत
नेपाल
भारत के बाद नेपाल ऐसा दूसरा देश होगा जहां हिंदुओं की आबादी 38.12 मिलियन होगी। बता दें साल 2011 की नेपाल की जनगणना में, लगभग 81.3 प्रतिशत नेपाली लोगों ने खुद को हिंदू बताया। साल 2006 से पहले ये देश हिंदू राष्ट्र रह चुका है, जिसने बाद में खुद को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया था। नेपाल इस समय राजनैतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस समस्या के बीच धर्म परिवर्तन की खबरें काफी हैं।

बांग्लादेश 
रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश विश्व का तीसरा वो देश है, जहां सबसे ज्यादा हिंदू बसते होंगे। साल 2011 में यहां हुआ सेंसस बताता है कि हिंदू धर्म यहां की पहली माइनोरिटी है, जिसमें लगभग 8.96% आबादी शामिल है। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अब्दुल बरकत की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले 4 दशक में बांग्लादेश से 2.3 लाख से ज्यादा लोग हर साल यहां से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर बांग्लादेश में इसी गति से पलायन होता रहा तो 25 साल बाद यहां कोई हिंदू नहीं रहेगा।

पाकिस्तान
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का रहना जंग लड़ने से कम नहीं है। वहां हिंदुओं के हालात ज्यादा बेहतर नहीं है। पाकिस्तान में अक्सर धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैैं और यहां जबरन हिंदू लड़कियों का भी अपहरण कर लिया जाता है। हिंदुओं के साथ-साथ सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों को भी पाकिस्तान में चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर हिंदू-सिखों ने उत्पीड़न से तंग आकर इस्लाम धर्म कबूल लिया है और कई तो यहां से पलायन कर गए हैं। इतना ही नहीं जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई उनको मार दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में पाकिस्तान में भी हिंदू नहीं होंगे।

अमेरिका
साल 2050 में अमेरिका में 4.78 मिलियन हिंदू होंगे। रिलिजियस लैंडस्केप स्टडी के तहत साल 2015 में अमेरिका में हिंदू आबादी 22.3 लाख थी लेकिन अब वहां भी धीरे-धीरे हिंदू लोग कम हो रहे हैं।

 

इंडोनेशिया
अगले 30 सालों में यहां हिंदू आबादी 4.15 मिलियन होगी। फिलहाल इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल आबादी वाला राष्ट्र है, जो पूरी तरह से इसी धर्म का पालन करता है. बाकी धर्मों के लोग यहां अल्पसंख्यक हैं, जिनमें हिंदू भी शामिल हैं।

 

अन्य देशों में हिंदू धर्म की आबादी

  • अफगानिस्तान में हिंदू अब लुप्त होने की कगार पर हैं। अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक यहां कोई मुस्लिम व्यक्ति ही देश का राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बन सकता है। 1970 की जनसंख्या के अनुसार, वहां सात लाख के करीब हिंदू और सिख थे, जो अब सिर्फ 200 हिंदू और सिख परिवार रह गए हैं। 
  • तिब्बत में भी हिंदू नाम मात्र रह गए हैं। वहां पर भी हिंदुओं की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं हैं।
  • चीन ने तो अपने देश में कई प्रबंध लगा रखे हैं। चीन दूसरे देशों से आए लोगों की सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई  पहचान भी खत्म करने की कोशिश कर रहा है। चीन में वहीं रह सकता है जो वहां के नियमों और कानून का पालन करे। 
  • मलेशिया में हिंदुओं की आबादी 6.4 फीसदी है, लेकिन हिंदुओं को यहां मुस्लिमों के समान अधिकार नहीं मिले हैं।
  • श्रीलंका में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है।

वहीं इस रिपोर्ट में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है वो यह कि अगले कुछ दशकों में ईसाई धर्म को मानने वाली आबादी कम हो जाएगी और मुस्लिम आबादी में इजाफा होगा। यानिक कि दुनिया में ऐसा पहली बार होगा जब ईसाई और मुस्लिम धर्म लगभग बराबर की आबादी पर होंगे।

Seema Sharma

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