पांच प्वॉइंट्स में पढ़िए, कैसे शीला ने बदली दिल्ली की सूरत?

Saturday, Jul 20, 2019 - 08:10 PM (IST)

नई दिल्लीः लगातार डेढ दशक तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही और मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार अपराह्न यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं।राजधानी दिल्ली में विकास की बयार बहाने वाली, दिल्ली को जीने लायक बनाने वाली शीला दीक्षित को योगदान को सदैव याद किया जाएगा। अपने कार्यकाल में शीला दीक्षित ने विकास का लोहा मनवाया, जिन्हें शायद ही कोई नेता उनकी जगह को भर पाएगा।

दिल्ली में मेट्रो का संचालन
राजधानी में मेट्रो लाने का श्रेय शीला दीक्षित को जाता है। उन्हीं के कार्यकाल में सबसे पहले वर्ष 2002 में दिल्ली में मेट्रो की शहादरा से तीसहजारी के बीच शुरुआत हुई। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर शीला दीक्षित ने दिल्ली मेट्रो की शुरूआत की थी। आज राजधानी में मेट्रो सार्वजनिक परिवहन का सबसे किफायती साधन माना जाता है।

ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए फ्लाईओवर्स का निर्माण
साल 1998 में राजधानी दिल्ली की कमान संभालने के बाद शीला दीक्षित के सामने सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना था। पीक आवर्स में राजधानी की सड़कों पर लंबी-लंबी लाइनें लग जाती थीं। इस समस्या से दिल्लीवासियों को निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राजधानी में फ्लाईओवर्स का निर्माण कराया। राजधानी में उन्होंने फ्लाईओवर्स बनाकर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया। इसके अलावा उन्होंने बीआरटी कॉरीडोर का भी निर्माण कराया था। 

लो फ्लोर एसी बसें
अगर आप दिल्ली में हैं और आपको लो फ्लोर ऐसी बसों में यात्रा करने का मौका मिले तो परिवहन का सबसे सुगम और सस्ता साधन है। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती लो फ्लोर बसों के संचालन का श्रेय शीला दीक्षित को जाता है। उन्होंने करीब 10 साल पहले दिल्ली में कलस्टर बसों की जगह लो फ्लोर बसों के संचालन का फैसला किया। इसके बाद दिल्ली की सड़कों पर हरे और लाल रंग की बसों को दिल्ली परिवहन के बेड़े में शामिल किया गया।

सीएनजी गैस क्रांति
राजधानी को “क्लीन दिल्ली, ग्रीन दिल्ली” बनाने की ओर शीला दीक्षित सरकार ने बड़ा कदम उठाया। दिल्ली में सीएनजी गैस के स्टेशनों को खोलने का निर्णय किया। इससे दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में मदद मिली और साथ ही लो फ्लोर सीएनजी बसों को भी परिवहन के बेड़े में शामिल किया गया था। इससे राजधानी को ‘क्लीन दिल्ली, ग्रीन दिल्ली बनाने’ में बड़ा योगदान है।

कॉमनवेल्थ गेम्स
साल 2010 में राजधानी दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन श्रेय भी शीला दीक्षित को जाता है। शीला सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स के जरिए विदेशियों को लुभाने के लिए दिल्ली का पूरा रंग-रूप ही बदल दिया था। राष्ट्रमंडल खेल के जरिए अंतराराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अलग पहचान बनाई।

Yaspal

Advertising