रामसेतु मानव निर्मित है या कुदरती, जल्द सुलझेगी गुत्थी!
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्ली: राम सेतु के अस्तित्व पर लंबे समय से उठ रहे सवाल का जवाब अब जल्द मिलने की उम्मीद है। इस बात का पता लगाया जाएगा कि राम सेतु प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाला इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (आईसीएचआर) पानी के अंदर शोध करेगा और पता लगाएगी कि रामसेतु को लेकर क्या मिथ और क्या सत्य है। आईसीएचआर के चेयरमैन वाई सुदर्शन राव ने कहा कि रामसेतु सिर्फ एक मिथ या प्राकृतिक है, इसका पता लागने के लिए अब तक पानी के अंदर कोई खोज नहीं हुई है। रामसेतु की जांच के लिए पायलट प्रोजेक्ट मई में शुरू होगा और अक्टूबर-नवंबर में जांच-पड़ताल पूरी होगी।
विवादों का केंद्र रहा रामसेतु
तमिलनाडु और श्रीलंका के तटों के बीच बना यह ब्रिज (सेतु) उस समय से विवाद का केंद्र रहा, जब यूपीए की सरकार ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना की योजना बनाई थी। कुछ लोगों का दावा है कि इस सेतु को भगवान राम की वानर सेना ने बनाया है और इसे नहीं छूआ जाना चाहिए। यूपीए सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु के अलावा कोई विकल्प आर्थिक तौर पर लाभदायक नहीं है। हालांकि विरोध के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। हिंदुत्व संगठनों का मानना है कि यह सेतु भगवान राम द्वारा बनाया गया था।
नासा ने किया था मानव निर्मित ब्रिज का दावा
वहीं, नासा द्वारा तस्वीरों के आधार पर श्रीलंकाई प्रसाशन ने दावा किया था कि राम सेतु, चूना पत्थर का बना हुआ मानव निर्मित ब्रिज है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भी आईसीएचआर द्वारा किए जा रहे इस शोध का एक हिस्सा है। शोध की अध्यक्षता आलोक त्रिपाठी करेंगे। साल 2014 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन सेतु समुद्रम के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया था। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा था कि हम किसी भी हालत में राम सेतु को तोड़ेंगे नहीं।