रामायण से बाबरनामा: 50 सीलबंद संदूकों में आए अयोध्या के दस्तावेज, सभी रिकॉर्डों की होगी जांच

punjabkesari.in Thursday, Jan 10, 2019 - 02:07 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई 29 जनवरी तक के लिए आज स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति एन.वी. रमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की संविधान पीठ में जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू हुई सीजेआई ने गत 8 जनवरी के अपने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आज की तारीख सुनवाई के लिए नहीं है, बल्कि आगे की तारीख मुकर्रर करने के लिए है। इसी बीच सीजेआई ने कहा कि मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों और इससे संबंधित विशाल रिकॉर्डों के मद्देनजर यह पांच न्यायाधीशों की पीठ गठित करने के लिए उचित मामला है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि शीर्ष अदालत पंजीयन सीलबंद कमरे में 50 सीलबंद पेटियों में रखे रिकॉर्डों की जांच करेगा।
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उन्होंने कहा कि मामले संबंधी रिकॉर्डों का आकार बहुत विशाल है और कुछ दस्तावेज संस्कृत, अरबी, उर्दू, हिंदी, फारसी और गुरमुखी में हैं जिनका अनुवाद किया जाना आवश्यक है। पीठ ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय पंजीयन आधिकारिक अनुवादकों की मदद ले सकता है। राम मंदिर की सुनवाई के लिए यह सारे दस्तावेज अयोध्या से लाए गए हैं। इन दस्तावेजों में रामायण से लेकर बाबर के जमाने तक के सारे दस्तावेज मौजूद हैं। बता दें कि आज की सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने संविधान पीठ में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए।
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धवन ने दलील दी कि अयोध्या विवाद से ही संबंधित एक अवमानना मामले में न्यायमूर्ति ललित अधिवक्ता की हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ओर से पेश हुए थे, हालांकि साथ ही उन्होंन खेद जताते हुए कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि जस्टिस ललित केस से हट जाएं। धवन की आपत्ति के बाद न्यायमूर्ति ललित ने खुद ही सुनवाई से हटने की घोषणा कर दी। अब केस की सुनवाई के लिए पीठ की नई बेंच बनेगी। सीजेआई रंजन ने कहा कि 29 जनवरी से पहने नई बेंच की घोषणा कर दी जाएगी।

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Seema Sharma

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