राकेश टिकैत की हुंकार- कान खोलकर सुन लो मोदी सरकार, अब संसद में खुलेगी मंडी
punjabkesari.in Sunday, Mar 14, 2021 - 10:35 AM (IST)
नेशनल डेस्क: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने शनिवार को कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायतों को आयोजन किया और लोगों से पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा अगला टारगेट संसद पर फसल बेचने का होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मंडी के बाहर कही भी सब्जी बेच लो, तो कान खोलकर सुन लो अब संसद में मंडी खुलेगी।
#WATCH बंगाल के लोगों को संदेश है कि भारत सरकार ने देश को लूट लिया है उन्हें वोट नहीं करना..अपने बंगाल को बचाना। अगर कोई वोट मांगने आए तो उनसे पूछना कि हमारा MSP कब मिलेगा, धान की कीमत 1850 हो गई है वो कब मिलेगी? :नंदीग्राम में राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता #WB pic.twitter.com/tkHrDzcVL5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2021
आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है सरकार: टिकैत
टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘जन-विरोधी'' सरकार है। भाजपा को वोट मत देना। अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉर्पोरेट्स और उद्योगों को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे। वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे।
भाजपा को बताया धोखेबाजों की पार्टी
टिकैत ने भाजपा को ‘‘धोखेबाजों की पार्टी'' कहते हुए कहा कि हम भाजपा का विरोध करने वालों और किसानों तथा गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे।उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसान महापंचायत का मतलब राज्य में किसी विशेष गैर-भाजपा पार्टी को समर्थन देना नहीं है। किसान नेता ने कहा कि मैं यहां किसी विशेष पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं आया हूं। हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं।
दिल्ली बॉर्डर से किसान नहीं हटेंगे किसान: टिकैत
नंदीग्राम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होगा और बंगाल के किसान को जब तक MSP पर रेट नहीं मिलेगा..तब तक दिल्ली बॉर्डर से किसान नहीं हटेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन की यह भूमि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक नई दिशा देगी। आंदोलनकारी लंबे समय तक अपना आंदोलन जारी रखने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनका उनका मनोबल ऊंचा है।
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