राफेल पर राहुल नहीं मांगेंगे माफी, कांग्रेस ने कहा-केंद्र चाहे तो लाए विशेषाधिकार नोटिस

punjabkesari.in Friday, Dec 14, 2018 - 04:10 PM (IST)

नई दिल्ली: राफेल मुद्दे पर कांग्रेस ने जेपीसी गठित करने की अपनी मांग को दोहराते हुए इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के माफी मांगने की संभावना को शुक्रवार को साफ नकार दिया। इसके साथ ही पार्टी ने भाजपा को चुनौती दी कि यदि उन्हें लगता है कि इस मुद्दे पर गांधी ने कुछ गलत कहा है तो सत्ता पक्ष को उनके विरूद्ध विशेषाधिकार हनन नोटिस देना चाहिए। कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। इसी फैसले का उल्लेख करते हुए लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से देश और संसद से माफी मांगने को कहा। सत्ता पक्ष की इस मांग पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफी क्यों मांगें? हमने तो सदन में कहा है कि यदि उन्होंने ‘झूठ’ बोला है तो आप (सत्ता पक्ष) विशेषाधिकार हनन नोटिस लाइए।’’

खड़गे ने कहा कि उन्होंने (उच्चतम न्यायालय) राफेल विमान सौदे में मूल्य निर्धारण के बारे में कुछ नहीं बोला। यह तो एक जनहित याचिका थी। इसका हमसे कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इसे संसद में उठा रहे हैं जो देश की सर्वोच्च संस्था है। उन्होंने ने कहा कि सरकार को संसद को यह बताना चाहिए कि वह इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) क्यों नहीं बनाना चाहते हैं? जेपीसी तो दोनों सदनों की होती है। पीआईएल के फैसले से यह नहीं कहा जा सकता कि कोई आरोपों से बरी हो गया। सुप्रीम कोर्ट तो केवल उन्हीं मुद्दों की जांच करेगा जो याचिका में उठाए गए हैं। वहीं जेपीसी मुद्दे की व्यापक जांच करेगी। सारी फाइलों पर गौर किया जाएगा।

लोकसभा में आज राफेल मुद्दे पर खडग़े कुछ बोलने के लिए खड़े हुए थे। किंतु अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि पहले वह सदन में हंगामा और नारेबाजी कर रहे अपने दलों के सदस्यों को चुप करवाए। इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेपीसी की जांच से क्यों डर रहे हैं? उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट राफेल के भ्रष्टाचार की जांच नहीं कर सकता क्योंकि नियमों के तहत उसका दायरा सीमित है। इसलिए हमने न्यायालय का रुख नहीं किया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।


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Seema Sharma

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