Monsoon Session 2023: फिर से सांसद बनें राहुल गांधी....संसद सदस्यता बहाल, 136 दिन बाद लोकसभा में होगी वापसी
punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 10:55 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘मोदी उपनाम' को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की।
सचिवालय ने अधिसूचना में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है।
136 दिन बाद आज संसद जाएंगे राहुल गांधी
संसद सदस्यता बहाल होते ही वह आगामी 2024 चुनावों में भी चुनाव लड़ पाएंगे। बता दें कि राहुल 2019 लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे। राहुल गांधी अब करीब 136 दिन बाद आज दोबारा संसद जाएंगे। मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा के बाद 24 मार्च को सांसदी रद्द कर दी गई थी। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई और आज तीन दिन बाद उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।
अदालत ने चेतावनी देकर राहुल को दी राहत
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में बिते शुक्रवार 4 अगस्त को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी। लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं। इस दौरान न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 4 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी।
सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी कैसे हो सकता है?
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?'