US event में राहुल गांधी का दावा- "मानसिक तौर पर" टूट चुके मोदी और ध्वस्त हो गया गठबंधन, मैं PM से नफरत नहीं करता"(Video)
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2024 - 12:56 PM (IST)
Washington: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उनका दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग है, लेकिन वह प्रधानमंत्री मोदी से नफरत नहीं करते हैं। अमेरिका दौरे के दौरान जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मैं श्री मोदी से नफरत नहीं करता। उनका एक दृष्टिकोण है और मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत नहीं करता। उनका एक अलग दृष्टिकोण है, और मेरा एक अलग दृष्टिकोण है।"कांग्रेस राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "मनोवैज्ञानिक पतन" का अनुभव हुआ, जब उन्हें एहसास हुआ कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों में 300-400 सीटें नहीं जीत पाएगी। वाशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विसेज में दिए गए एक साक्षात्कार में राहुल गांधी ने कहा, "प्रचार अभियान के आधे समय में, मोदी को अपने बिगड़े खेल का अंदाजा हो गया था । जब उन्होंने कहा कि वे सीधे भगवान से बात करते हैं, तो हमें पता चल गया था। हमें पता था कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। हमने इसे मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा।"
My sense halfway through the campaign was that Modi didn’t think he was getting anywhere near 400 seats. Early on, he realized that things were going wrong, and we were getting inputs from the usual sources. Some of the intelligence agencies were also providing us with… pic.twitter.com/ZfgDoLyWkr
— Karnataka Congress (@INCKarnataka) September 10, 2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस बार भारत में आम चुनाव लड़ने के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं थे और चुनावों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार को ध्वस्त कर दिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल अभी अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने सोमवार को यहां प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में ये टिप्पणियां कीं। राहुल ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ध्वस्त हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह महज प्रधानमंत्री के बारे में नहीं है, यह उससे कहीं अधिक गहरा है। भारत में क्या हुआ है कि श्री (नरेन्द्र) मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन ही ध्वस्त हो गया। यह बिल्कुल बीच से टूट गया।'' राहुल ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं कराए गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता हूं। मैं इसे काफी हद तक नियंत्रित चुनाव मानता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अगर निष्पक्ष चुनाव होता तो भाजपा 240 सीटों के आसपास भी कहीं आती।''
उन्होंने कहा कि पार्टी के पास ‘‘भारी वित्तीय बढ़त'' थी। कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘निर्वाचन आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। पूरा प्रचार अभियान ऐसे बनाया गया कि मोदी जी देशभर में अपना एजेंडा चला सकें।'' उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने अपने बैंक खाते सील होने के बीच चुनाव लड़ा और मूल रूप से मोदी का विचार ध्वस्त कर दिया। आप यह देख सकते हैं क्योंकि अब जब आप प्रधानमंत्री को संसद में देखते हैं...वह मनोवैज्ञानिक रूप से उलझ गए हैं और वह समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे हो गया।'' एक सवाल पर राहुल ने कहा कि आधे प्रचार के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने यह नहीं सोचा था कि उन्हें 300 या 400 के आसपास सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें जल्द ही समझ आ गया था कि यह चीज गलत दिशा में जा रही है।
हमें पुष्ट सूत्रों से प्रतिक्रियाएं मिल रही थीं...यह साफ था कि वे मुसीबत में हैं।'' राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के अंदर यह चल रहा था जिसे मैं देख सकता था। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जैसा कि आप जानते हैं कि वह कई वर्षों तक गुजरात में थे और उन्होंने कभी राजनीतिक रूप से प्रतिकूल किसी स्थिति का सामना नहीं किया, फिर भारत के प्रधानमंत्री बन गए। अचानक से यह विचार टूटना शुरू हो गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे ईश्वर से बात करता हूं, तो हमें पता चल गया कि हमने वास्तव में उन्हें हिला दिया है। लोग सोचते थे कि प्रधानमंत्री का यह कहना है कि ‘मैं खास हूं, मैं अलग हूं और मैं ईश्वर से बात करता हूं'। लेकिन हम इसे ऐसे नहीं देखते थे। आंतरिक रूप से, हमने इसे मनोवैज्ञानिक रूप से टूटने के तौर पर देखा कि यहां क्या हुआ?