लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र पर भड़के राहुल गांधी, कहा- भाजपा का रामराज्य संविधान को नष्ट कर रहा
punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2024 - 03:03 PM (IST)
नेशनल डेस्क: विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शीर्ष सरकारी पदों पर व्यक्तियों की लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा कि भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है।
यह सरकार आरक्षण के खिलाफ- प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के एक अन्य नेता प्रमोद तिवारी ने इसकी निंदा की और इसे देश की आरक्षण नीति के खिलाफ बताया। प्रमोद तिवारी ने कहा, "यह सरकार आरक्षण के बिल्कुल खिलाफ है। यूपीए सरकार ने जो सिफारिश की थी, वह बिल्कुल यही नहीं थी कि आप लेटरल एंट्री के जरिए इतने सारे लोगों को नौकरी पर रखें। मैं इसकी कड़ी निंदा करना चाहता हूं। यह देश की प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ है। यह देश की आरक्षण नीति के भी खिलाफ है।" इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र की आलोचना की और इस कदम को देश के खिलाफ एक "बड़ी साजिश" करार दिया।
Lateral entry is an attack on Dalits, OBCs and Adivasis.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 19, 2024
BJP’s distorted version of Ram Rajya seeks to destroy the Constitution and snatch reservations from Bahujans.
जानें सपा ने क्या कहा?
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) से आरक्षण और अधिकार छीनने की योजना है। सपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "अब समय आ गया है कि भाजपा द्वारा यूपीएससी में पिछले दरवाजे से अपने वैचारिक सहयोगियों को उच्च सरकारी पदों पर बिठाने की साजिश के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाए। यह तरीका आज के अफसरों के साथ-साथ युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर पहुंचने के दरवाजे बंद कर देगा। आम लोग क्लर्क और चपरासी के पदों तक सीमित रह जाएंगे। दरअसल, पूरी योजना पीडीए से आरक्षण और अधिकार छीनने की है।"
यूपीएससी ने हाल ही में लेटरल एंट्री के माध्यम से संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस निर्णय की विपक्षी दलों ने आलोचना की है, उनका दावा है कि यह ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण अधिकारों को कमजोर करता है।
अश्विनी वैष्णव का पलटवार
सरकारी सूत्रों ने बताया कि लेटरल एंट्री की अवधारणा पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान पेश की गई थी और 2005 में इसके द्वारा स्थापित द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने इसका पुरजोर समर्थन किया था। इस मामले पर पलटवार करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वरिष्ठ नौकरशाही में पार्श्व प्रवेश प्रणाली की कांग्रेस की आलोचना उसका "पाखंड" दर्शाती है, और कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा विकसित अवधारणा को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है।