राहुल गांधी की कोई विश्वसनीयता नहीं, लेकिन निर्वाचन आयोग की है: भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 10:59 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी की कोई विश्वसनीयता नहीं है, लेकिन निर्वाचन आयोग की है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने भी निष्पक्ष चुनाव कराने के उसके प्रयासों को अपने विभिन्न फैसलों में सराहा है। भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची में विसंगतियां होने का आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हुए यह बात कही।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप में इसलिए लगी हुई है कि उसके नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव, दोनों जानते हैं कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में उनके गठबंधन को हार का सामना करना पड़ेगा।
बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कई अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि हटाए गए मतदाताओं के नाम की संख्या कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पिछले विधानसभा चुनावों के जीत के अंतर से भी अधिक है। विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ दल के हाथों की कठपुतली है और उसने भाजपा तथा उसके सहयोगियों को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बिहार के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया है। भाटिया ने कहा, ‘‘आरोप कौन लगा रहा है? यह राहुल गांधी हैं, जिन्होंने गलत बयान देने और शीर्ष अदालत के बारे में झूठ बोलने के लिए उच्चतम न्यायालय में माफी मांगी थी।'' उन्होंने पूछा, ‘‘उस व्यक्ति की क्या विश्वसनीयता है जिसका हर शब्द झूठ हो?''
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के कई फैसले हैं, जिनमें (कांग्रेस नेता) कमलनाथ द्वारा दायर याचिका पर दिया गया फैसला भी शामिल है, और राहुल गांधी को उन्हें पढ़ना चाहिए।'' भाटिया ने कहा, ‘‘फैसले में कहा गया है कि पिछले कई दशकों से देश में निष्पक्ष चुनाव होते रहे हैं, जिसका श्रेय भारत निर्वाचन आयोग को जाता है। यह हमारे निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता है।'' भाजपा नेता ने यह भी बताया कि शीर्ष अदालत ने बिहार के लिए एसआईआर प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगाई है।
भाटिया ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि राहुल गांधी खुद अपने द्वारा लगाए गए (वोट चोरी के) आरोपों पर विश्वास नहीं करते, वरना उन्होंने निर्वाचन आयोग को हलफनामे पर अपने बयान सौंप दिए होते।'' उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाने के बाद आयोग के समक्ष अपना बयान दर्ज नहीं कराया, क्योंकि अगर उनके दावे झूठे साबित होते तो उन्हें जेल जाना पड़ता। भाटिया ने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी खुद अपने आरोपों पर विश्वास नहीं करते, तो कोई और ऐसे व्यक्ति के आरोपों पर क्यों विश्वास करेगा।''