राहुल- प्रियंका के निशाने पर मोदी सरकार, पूछा- क्या लोगों की जेबें खाली कर अपना सूटकेस भर रहे हो ?

punjabkesari.in Wednesday, May 06, 2020 - 03:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के फैसले को ‘अनुचित' करार देते हुए कहा कि इस वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि कोरोना वायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है। इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि संकट के समय लोगों पर कर का बोझ डालना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि नया या उच्च कर परिवारों को कंगाल कर देगा। जब आर्थिक गतिविधि रुकी हुई हों तो सरकारों को अपने घाटे को पूरा करने के लिए उधार लेना चाहिए, न कि उच्च कर का बोझ देना चाहिए।

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वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि जब किसानों और मजदूरों की मदद नहीं हो रही है तो फिर किसके लिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है? उन्होंने ट्वीट किया कि कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर लेती है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का फायदा जनता को मिल नहीं रहा है और जो पैसा इकट्ठा हो रहा है उससे भी मजदूरों, मध्यम वर्ग, किसानों और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है। प्रियंका ने सवाल किया कि आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है? 

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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरीपेशा वर्ग को होना चाहिए, उसे कर लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है। क्या जनता को लूट जेबें भरना “राजधर्म” है? बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी। यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी। हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। 

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vasudha

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