राफेल मामला: अनिल अंबानी ने 15 मीडिया कंपनियों के खिलाफ ठोका मुकदमा

punjabkesari.in Saturday, Oct 20, 2018 - 11:33 AM (IST)

नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर अनिल अंबानी की कंपनी ने रिलायंस ग्रुप ने 15 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, स्थानीय मीडिया हाउस और पत्रकारों के खिलाफ अहमदाबाद के सिविल कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इन सभी पर आरोप लगाया है कि इन्होंने राफेल विमान सौदे के संबंध में जो लेख प्रकाशित किए वो अपमानजनक और पूरी तरह से झूठे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी की कंपनी ने अगस्त माह में पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की शुरुआत कर दी थी। आखिरी बार कंपनी ने 11 अक्टूबर को इस मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर, 2018 को होगी। 

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एनडीटीवी पर दायर किया 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा
इस मामले में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप समूह ने समाचार प्रसारण कंपनी एनडीटीवी पर अहमदाबाद अदालत में 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। न्यू दिल्ली टेलीविजन लि.(एनडीटीवी) ने शेयर बाजारों को दी सूचना में बताया कि उसे 18 अक्टूबर को यह नोटिस मिला। यह नोटिस एनडीटीवी कंपनी, एनडीटीवी के कार्यकारी सह-अध्यक्ष तथा कंपनी के प्रबंध संपादक के खिलाफ लायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे को लेकर है। इसमें एनडीटीवी और उसके अधिकारियों के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा किया गया है।       

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29 सितंबर को प्रसारित किया गया था कार्यक्रम 
न्यू दिल्ली टेलीविजन लि. (एनडीटीवी) ने कहा है कि वह अदालत में इस मुकदमे को पूरी मुस्तैदी से लड़ेगी।  मानहानि का यह मुकदमा कंपनी के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ट्र्रुथ वर्सेस हाइप’ (सच्चाई बनाम प्रचार) में राफेल विमान सौदे पर केंद्रित कार्यक्रम ‘द आइडियल पार्टनर इन राफेल डील’ (राफेल सौदे में आदर्श भागीदार) कार्यक्रम को लेकर है। एनडीटीवी पर इसे 29 सितंबर, 2018 को प्रसारित किया गया था। एनडीटीवी ने कहा कि वह इस मामले में मानहानि के किसी भी प्रकार के आरोप को सिरे से खारिज करती है। मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर, 2018 को होगी।  

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मोदी ने की  थी 36 राफेल जेट विमान खरीदने की घोषणा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के साथ पेरिस में 10 अप्रैल, 2015 को बातचीत के बाद 36 राफेल जेट विमान खरीदने की घोषणा की थी। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने ‘ऑफसेट’ उपबंध के तहत हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लि. के बजाए रिलायंस डिफेंस को चुना, जिसका मकसद अनिल अंबानी की कंपनी को लाभ पहुंचाना है, जबकि इस निजी कंपनी के पास एयरोस्पेस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है।     


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Anil dev

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