भारत के कश्मीर निवास कानून बदलने के फैसले से चिढ़ा पाक, UN चीफ से लगाई दखल की गुहार

punjabkesari.in Saturday, May 23, 2020 - 05:01 PM (IST)

पेशावरः जम्मू-कश्मीर के लिए स्थानीय निवास संबंधी कानून बदलने के भारत के फैसले से  चिढ़े पाकिस्तान  के  विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को शुक्रवार को फोन कर जम्मू-कश्मीर के लिए स्थानीय निवास संबंधी कानून को बदलने के भारत के फैसले पर चिंता जाहिर की। स्थानीय निवास (डोमिसाइल) संबंधी कानून के तहत, वे सभी व्यक्ति और उनके बच्चे जो जम्मू-कश्मीर में 15 साल रहे हों या सात साल तक पढ़ाई की हो और केंद्र शासित प्रदेश के किसी शैक्षणिक संस्थान से 10वीं या 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए हों, वे सभी स्थानीय निवासी माने जाने के पात्र होंगे।

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को कश्मीर में स्थिति से अवगत कराया और इस मुद्दे में दखल देने की गुहार लगाई। विदेश मंत्री ने, “कश्मीर में स्थानीय निवास संबंधी नए कानून का हवाला दिया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों और चौथे जिनेवा समझौते समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।”

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उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत किसी तरह का ‘छद्म’ अभियान भी चला सकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर भारत किसी तरह की खास सूचना देता है तो पाकिस्तान आतंकवाद “लॉन्च पैड” के ऊपर दावे को प्रमाणित करने के लिए भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (UNMOGIP ) को अनुमति देने को तैयार है।

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भारत अपने इस रुख पर कायम है कि जनवरी 1949 में स्थापित यूएनएमओजीआईपी अपनी सार्थकता खो चुका है और शिमला समझौते तथा उसके बाद नियंत्रण रेखा (LOC) स्थापित होने के बाद अप्रासंगिक हो चुका है। कुरैशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर में स्थिति और बिगड़ने से रोकने में उचित भूमिका निभानी चाहिए और भारत को उसके “अवैध कार्यों’’ के लिए रोकना चाहिए तथा दक्षिण एशिया में शांति एवं सुरक्षा को संरक्षित रखना चाहिए।


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Tanuja

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