पंजाब ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया

punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 07:21 PM (IST)


चंडीगढ़, 29 दिसंबर:(अर्चना सेठी) पंजाब ने वर्ष 2025 के दौरान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन किया है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम बठिंडा ने स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्राप्त किया है। इसी प्रकार 25 यू.एल.बीज़ को कूड़ा मुक्त स्टार-1, 01 यू.एल.बी को कूड़ा मुक्त स्टार-3, 46 यू.एल.बीज़ को वाटर+ के रूप में, 53 यू.एल.बीज़ को ओडीएफ++ के रूप में, 43 यू.एल.बीज़ को ओडीएफ+ के रूप में तथा 22 यू.एल.बीज़ को ओडीएफ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा चालू वर्ष के दौरान स्थानीय सरकार विभाग की ओर से की गई पहलों का विवरण देते हुए बताया कि पंजाब ने राज्य की विरासत (लीगेसी) ठोस अपशिष्ट के निपटारे के अंतर्गत 131 यू.एल.बीज़ में पुराने कचरे का प्रबंधन किया है। इसके तहत कुल 84.09 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे में से 40.78 लाख मीट्रिक टन का निपटारा पहले ही किया जा चुका है, जबकि शेष 43.31 लाख मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट (35 यू.एल.बीज़) का निपटारा अप्रैल 2027 तक करने की योजना तैयार की गई है।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 के दौरान ताजा ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसके तहत यू.एल.बीज़ द्वारा घर-घर से कचरा संग्रहण, स्रोत पर पृथक्करण तथा प्रोसेसिंग को बेहतर बनाया गया। उन्होंने बताया कि कुल 4008 टीपीडी ठोस अपशिष्ट में से 3243 टीपीडी (81 प्रतिशत) गीले कचरे को खाद और बायो-मीथेनाइजेशन के माध्यम से तथा सूखे कचरे को चैनलाइजेशन द्वारा प्रोसेस किया जा रहा है, जिसे कबाड़ डीलरों और कचरा संग्रहकर्ताओं द्वारा पुनर्चक्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कचरा संग्रहण एवं परिवहन के लिए 9812 ट्राइसाइकिल और 3162 यांत्रिक वाहन तैनात किए गए हैं। कचरे की प्रोसेसिंग हेतु 8436 कंपोस्ट पिट (एरोबिक हनीकॉम्ब) तथा 276 मटीरियल रिकवरी फैसिलिटीज़ स्थापित की गई हैं।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटीज़ मिशन के तहत लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और सुल्तानपुर लोधी के विभिन्न प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। लुधियाना स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत 769.18 करोड़ रुपये के 71 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जबकि 138.05 करोड़ रुपये के 08 प्रोजेक्ट विकासाधीन हैं। अमृतसर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 580 करोड़ रुपये के 19 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं तथा 245 करोड़ रुपये के 10 प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। इसी प्रकार जालंधर स्मार्ट सिटी के 771.57 करोड़ रुपये के 56 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और 162.88 करोड़ रुपये के 04 प्रोजेक्ट विकासाधीन हैं। सुल्तानपुर लोधी स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 29.57 करोड़ रुपये के 06 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं तथा 136.28 करोड़ रुपये के 14 प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। इसके अतिरिक्त मार्च 2022 से पंजाब सरकार द्वारा पी.आई.डी.बी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए फंड से 166 यू.एल.बीज़ में 850 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे के कार्य किए गए हैं। साथ ही एम.सी. फंडों से 166 यू.एल.बीज़ में 1700 करोड़ रुपये के विकास कार्य तथा 05 नगर निगमों एवं 49 नगर परिषदों में 450 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए गए हैं।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि पवित्र शहर अमृतसर में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से ऑटो-रिक्शा पुनर्जीवन (RAAHI) योजना के तहत 1200 पुराने डीज़ल ऑटो रिक्शों को नए इलेक्ट्रिक ऑटो से बदला गया है। इसके अतिरिक्त महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला लाभार्थियों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर 200 पिंक ई-ऑटो भी प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के बड़े शहरों में शून्य उत्सर्जन के साथ कुशल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए अमृतसर (100), जालंधर (97), लुधियाना (100), पटियाला (50) तथा एस.ए.एस. नगर (मोहाली) क्लस्टर (100) के लिए कुल 447 ई-बसें खरीदी जा रही हैं, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार होगा और निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि स्थानीय सरकार विभाग द्वारा सेवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी सफलतापूर्वक शुरू की गई है, जिससे नागरिकों की सुविधा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि प्रमुख नगर निगम सेवाओं को सरकारी कार्यालयों में गए बिना सुलभ बनाया गया है।


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Content Editor

Archna Sethi

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