Real Estate News: केवल रजिस्ट्री होना मालिकाना हक की गारंटी नहीं, इन दस्तावेजों का होना भी जरूरी: SC
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 02:30 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अगर आप प्रॉपर्टी खरीदकर खुद को उसका मालिक समझ रहे हैं, तो सिर्फ रजिस्ट्री होना ही काफी नहीं है। रियल एस्टेट में कई ऐसे जरूरी दस्तावेज़ होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना आपको भारी नुकसान में डाल सकता है। एक छोटी-सी चूक कानूनी विवाद, फाइनेंशियल लॉस या यहां तक कि प्रॉपर्टी से हाथ धोने की नौबत ला सकती है। इसलिए घर, प्लॉट या फ्लैट खरीदने से पहले इन अहम डॉक्यूमेंट्स की जांच बेहद जरूरी है।
महनूर फातिमा इमरान बनाम स्टेट ऑफ तेलंगाना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि केवल रजिस्ट्री होना मालिकाना हक (Ownership) की गारंटी नहीं है। यानी अगर आपने बिना सही दस्तावेज जांचे प्रॉपर्टी खरीद ली, तो रजिस्ट्री के बावजूद आप कानूनी सुरक्षा से वंचित रह सकते हैं।
क्यों रजिस्ट्री से मालिकाना हक तय नहीं होता?
रजिस्ट्री सिर्फ इस बात का रिकॉर्ड है कि खरीदार और विक्रेता के बीच लेन-देन हुआ है। यह यह साबित नहीं करती कि बेचने वाले के पास उस प्रॉपर्टी को बेचने का वैध अधिकार था या नहीं। अगर प्रॉपर्टी की शुरुआती बिक्री ही अवैध, फर्जी या अनरजिस्टर्ड एग्रीमेंट पर आधारित रही हो, तो बाद की सभी रजिस्टर्ड डील्स भी अवैध मानी जा सकती हैं। ऐसे मामलों में कब्जा भी गैर-कानूनी ठहर सकता है।
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन दस्तावेजों की जरूर करें जांच
1. चेन डीड (Chain Deed)
सिर्फ मौजूदा कागज़ देखकर संतुष्ट न हों। यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रॉपर्टी आपसे पहले किन-किन लोगों के पास रही और हर ट्रांसफर कानूनी था या नहीं। चेन डीड से मालिकाना हक की पूरी कड़ी सामने आती है। इसमें कहीं भी ब्रेक नहीं होना चाहिए।
2. टाइटल डीड (Title Deed)
यह सबसे अहम दस्तावेज है। इससे यह साबित होता है कि बेचने वाला उस संपत्ति का कानूनी मालिक है और उसे बेचने का अधिकार है। अगर विक्रेता के पास टाइटल डीड नहीं है, तो उस प्रॉपर्टी से दूरी बनाना ही बेहतर है।
3. भार-मुक्त प्रमाणपत्र (Encumbrance Certificate – EC)
यह सर्टिफिकेट बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई पुराना लोन, बंधक या कानूनी विवाद तो नहीं है। बिना EC जांचे प्रॉपर्टी खरीदना बड़ा जोखिम हो सकता है।
4. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC)
अगर आप फ्लैट खरीद रहे हैं, तो OC बेहद जरूरी है। यह प्रमाणित करता है कि बिल्डिंग नियमों के अनुसार बनी है और रहने के लिए सुरक्षित है। OC के बिना फ्लैट में रहना गैर-कानूनी माना जा सकता है।
5. अप्रूव्ड बिल्डिंग प्लान
यह जरूर चेक करें कि निर्माण नगर निगम या विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार हुआ है। अनधिकृत निर्माण भविष्य में तोड़फोड़ या भारी जुर्माने का कारण बन सकता है।
6. प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें
यह सुनिश्चित करें कि पुराने मालिक ने सभी बकाया प्रॉपर्टी टैक्स चुका दिए हैं। बकाया टैक्स की जिम्मेदारी नए मालिक पर आ सकती है।
