प्राइवेट स्कूलों ने गरीब बच्चों से छीना शिक्षा का अधिकार, नहीं मिल रहा एडमिशन

punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2016 - 07:44 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि रोहिला) : शहर के स्कूलों में एडमिशन प्रोसैस को लेकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी है। पहले आधार कार्ड को एड्रैस प्रूफ न मानने को लेकर तो वहीं अब ई.डब्ल्यू.एस. कोटे के तहत आने वाले छात्रों के लिए परेशानी पैदा हो गई है। ऐसे में इस कोटे के तहत आने वाले छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पा रही है। देखा जाए तो हर वर्ष एडमिशन के दौरान ई.डब्ल्यू.एस. कोटे के छात्रों द्वारा स्कूलों को इसका सर्टीफिकेट देना होता है। उसी के आधार पर प्राइवेट स्कूल एडमिशन देते हैं। सर्टीफिकेट अभिभावकों को एड.डी.एम से जाकर लेना पड़ता है लेकिन इस बार डी.सी ऑफिस ने सर्टीफिकेट बनाना बंद कर दिया। उनका कहना है कि इस बार अभिभावक ई.डब्ल्यू.एस. कोटे को लेकर एफिडैविट बनवाकर उसे ई.डब्ल्यू.एस. कोटा सर्टीफिकेट के तौर पर स्कूल में दे सकते हैं। वहीं सभी प्राइवेट स्कूल इस एफिडैविट को मानने से इंकार कर रहे हैं। चंडीगढ़ पेरैंट्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गोयल ने बताया कि अगर प्राइवेट स्कूलों का यही रवैया रहा तो इस बार ई.डब्ल्यू.एस. कोटे के छात्रों का एडमिशन होना मुश्किल है।

 

25 प्रतिशत सीटों पर ई.डब्ल्यू.एस. कोटे को ही एडमिशन :
प्राइवेट स्कूलों द्वारा सिर्फ एंट्री लैवल पर एडमिशन लेते समय ही ई.डब्ल्यू.एस. कोटे में एडमिशन दिया जाता है। अगर किसी और क्लास में एडमिशन लेने जाओ तो एडमिशन नहीं दिया जाता। जबकि सभी क्लासिज के लिए एक कानून बनाया गया है। कानून के मुताबिक स्कूल द्वारा 25 प्रतिशत सीटों पर  ई.डब्ल्यू.एस. कोटे को ही एडमिशन देना होगा।

 

सी.पी.ए. हैल्पलाइन से हैल्प :
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावक चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। ऐसे अभिभावकों की मदद के लिए चंडीगढ़ पेरैंट्स एसोसिएशन ने एक हैल्पलाइन शुरू की है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से पीड़ित अभिभावक www.facebook.com/ ChandigarhParentsAssociation पर ईमेल कर शिकायत कर सकते हैं।

 

नहीं हो पा रहे एडमिशन :
नितिन गोयल ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की इस मनमानी से छात्रों की एडमिशन नहीं हो पा रही है। अभिभावक कभी एस.डी.एम ऑफिस कभी स्कूल तो कभी डी.ई.ओ ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। जब इस मुद्दे पर वह डी.ई.ओ विनय. आर. सूद से मिले तो उन्होंने को कहा कि आप स्कूल जाकर यह कहना कि डी.ई.ओ ने कहा है कि एफिडैविट को ई.डब्ल्यू.एस. सर्टीफिकेट मानकर एडमिशन दे दिया जाए। लेकिन जब उन्होंने ऐसा कहा तो प्राइवेट स्कूल प्रशासन दो जवाब दिया कि ऐसा है तो आप डी.ई.ओ से लिखवा कर ले आओ लेकिन डी.ई.ओ. लिखकर देने को तैयार नहीं। 


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