राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ''एक राष्ट्र एक चुनाव'' की सराहना की
punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2025 - 05:46 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि यह कदम शासन में स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने इस योजना को लागू करने के कई फायदे गिनाए, जिनमें नीतिगत पक्षाघात को रोकना, संसाधनों का समुचित उपयोग और वित्तीय बोझ को कम करना शामिल हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की भूमिका को भी उजागर किया और कहा कि संविधान के 75 वर्षों ने इस युवा गणराज्य की सर्वांगीण प्रगति के मार्ग को प्रशस्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक रुझानों को प्रभावित करती है, और यह परिवर्तन संविधान द्वारा निर्धारित ब्लूप्रिंट के बिना संभव नहीं होता।
भारत की आर्थिक प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नेतृत्व की स्थिति में है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वतंत्रता के बाद, जब देश को गरीबी और भूख का सामना करना पड़ा, तब एक चीज़ जिसने भारत को बचाए रखा, वह था "खुद पर विश्वास"। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि हाल ही में ISRO ने एक और महत्वपूर्ण अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग सफलता से पूरा किया, जिससे भारत अब यह क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया है। राष्ट्रपति ने समावेशी विकास पर जोर दिया और कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा उन वर्गों तक विकास के लाभ पहुंचाने की रही है जो पहले हाशिए पर थे। उन्होंने विशेष रूप से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। इसके अलावा, राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की, जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना, जो अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं।
डिजिटल भारत की दिशा
राष्ट्रपति ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना तैयार करने के मामले में भारत ने एक मजबूत नींव रखी है, जो दुनिया में सबसे बेहतरीन में से एक है। इसके साथ ही, दिवाला और दिवालियापन संहिता जैसे साहसिक कदमों से बैंकिंग प्रणाली भी मजबूत हुई है और एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) में कमी आई है।
चुनाव सुधार की दिशा में कदम
राष्ट्रपति मुर्मू ने चुनाव सुधारों पर भी अपने विचार रखे और संसद में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के विधेयक को प्रस्तुत करने का स्वागत किया। उन्होंने इसे एक ऐसे कदम के रूप में देखा जो शासन में स्थिरता को बढ़ावा देगा और नीतिगत पक्षाघात को रोकने में मदद करेगा। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सरकार ने भौतिक बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जो आने वाले दशकों में विकास का समर्थन करेगा। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों से भारत की प्रगति और तेज़ होगी, और आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।