आॅफ द रिकार्ड: सूचना आयोग के पर कतरने की तैयारी

punjabkesari.in Saturday, Nov 24, 2018 - 09:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क: यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि मोदी सरकार सूचना अधिकार अधिनियम को सशक्त करने के प्रति ज्यादा उत्साही नहीं है। यही नहीं, एक्ट को सशक्त करने की बजाय इसको कमजोर किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती कि आयोग के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा मिले और उन्हें कैबिनेट सचिव से ज्यादा वेतन। 
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इस पद के लिए अखबारों में छपे विज्ञापनों के माध्यम से जो आवेदन मांगे गए हैं उनमें भी सेवा व वेतन-भत्तों का कोई उल्लेख नहीं है। यही नहीं, इस बात की प्रबल संभावना है कि सरकार एक्ट में मानसून सत्र में संशोधन के लिए बिल ला सकती है। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित संशोधन में इसके अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन-भत्तों और अन्य सेवा शर्तों में केंद्र सरकार मनवांछित तरीके से बदलाव कर सकती है। 
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यहीं नहीं, संशोधन प्रस्ताव में केन्द्र व राज्यों के कमिश्नरों की सेवा अवधि को भी 5 साल की बजाय अपने हिसाब से तय करने का मन बनाया जा रहा है। सरकार की इस योजना का कई आर.टी.आई. कार्यकत्र्ताओं ने विरोध किया है। वे यह कह रहे हैं कि एक सोची-समझी रणनीति तहत सूचना आयोग के कमिश्नर के रैंक को चुनाव आयोग के कमीश्नर से नीचे किया जा रहा है। 
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vasudha

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