केजरीवाल की रणनीतियों पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान, इसे बताया हार का मुख्य कारण
punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 10:41 AM (IST)
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नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे देशभर में चर्चा का विषय बन गए हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 48 सीटों के साथ जीत हासिल की और दिल्ली में सरकार बनाने का दावा किया, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) को मात्र 22 सीटों के साथ विपक्ष में बैठना पड़ा। इस अप्रत्याशित हार के बाद जन सुराज पार्टी के प्रमुख और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस हार के पीछे अरविंद केजरीवाल की कुछ रणनीतिक गलतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रशांत किशोर का कहना है कि केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना, शराब नीति के मामले में जमानत मिलने के बाद, एक बड़ी रणनीतिक भूल थी, जिससे पार्टी को गंभीर नुकसान हुआ। किशोर के अनुसार, इस कदम ने केजरीवाल की छवि को कमजोर किया और जनता के बीच उनके नेतृत्व के प्रति अविश्वसनीयता का माहौल बना। उन्होंने यह भी कहा कि जमानत के बाद इस्तीफा और चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने जैसी गलतियां केजरीवाल की राजनीतिक रणनीति को प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण घटनाएं साबित हुईं।
प्रशांत किशोर ने यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली में पिछले 10 वर्षों से सत्ता विरोधी लहर चल रही थी, जिसका भी चुनाव परिणामों पर गहरा असर पड़ा। दिल्ली में आप सरकार के खिलाफ लंबे समय से एक अविश्वसनीय भावना थी, जो लोगों की सोच में बदलाव का कारण बनी। इस लहर ने चुनाव में आप के लिए मुश्किलें पैदा कीं और बीजेपी को फायदा पहुंचाया। इसके अलावा, किशोर ने केजरीवाल के राजनीतिक रुख में बदलाव को भी हार का एक बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि पहले केजरीवाल ने इंडिया ब्लॉक से जुड़ने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में वह इससे बाहर हो गए, जिससे उनके प्रति लोगों में असमंजस और अविश्वसनीयता का माहौल बना। यह राजनीतिक उलटफेर दिल्ली की जनता को समझ में नहीं आया और इसका असर चुनावी परिणामों पर पड़ा।
किशोर ने यह भी कहा कि झुग्गी बस्तियों में पानी की समस्या ने भी लोगों को नाराज किया, जो केजरीवाल के कोर वोटर थे। बारिश के मौसम में इन इलाकों में पानी का जमाव और स्थानीय समस्याओं ने उनकी सरकार को लोगों के बीच आलोचना का सामना कराया। केजरीवाल के चुनावी अभियान में इन मुद्दों पर सही तरह से ध्यान नहीं दिया गया, जिससे आम लोगों के बीच उनकी छवि प्रभावित हुई।हालांकि, प्रशांत किशोर ने यह भी माना कि अब जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से मुक्त हो गए हैं, तो वह पार्टी को मजबूती देने का प्रयास कर सकते हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां आप ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहां से पार्टी को आगे बढ़ाने की संभावनाएं हैं। किशोर ने यह सुझाव दिया कि केजरीवाल को पार्टी के भीतर एक नई दिशा देने का मौका मिल सकता है, जो भविष्य में पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।