''न नींद, न चैन'', हार के बाद प्रशांत किशोर हुए बेचैन, बताया जन सुराज की हार का सबसे बड़ा कारण
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 06:04 PM (IST)
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी नई पार्टी 'जन सुराज' के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने हार को बड़ा झटका बताया है। एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि चुनाव परिणामों के बाद से उन्हें न ठीक से नींद आ रही है और न ही मन को चैन है।
PK ने कहा कि जन सुराज का प्रदर्शन उनकी उम्मीदों से बहुत खराब रहा, लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक संकल्प को दोहराते हुए कहा, "आप तब तक नहीं हारते जब तक आप हार मान नहीं लेते।"
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वोट शेयर का अनुमान गलत
प्रशांत किशोर ने हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने वोट शेयर का अनुमान लगाने में गंभीर गलती की। उन्होंने साफ किया कि चुनाव से पहले कोई सर्वे नहीं कराया गया था और वह ब्लाइंड खेले थे। उनका अनुमान था कि जन सुराज को 12-15% वोट मिल सकते हैं, लेकिन पार्टी सिर्फ 3.5-4% वोटों पर सिमट गई। PK के मुताबिक, "ये फर्क बहुत बड़ा है, नतीज़े उम्मीद से बहुत नीचे रहे और इसका विश्लेषण करना पड़ेगा, समझना होगा कि कहां गलती हुई।"
PK का दावा, बिहार में 4 तरह के मतदाता
PK ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने बिहार की राजनीति को जाति और धर्म की बहस से हटाकर रोजगार और पलायन जैसे जमीनी मुद्दों पर केंद्रित किया, लेकिन यह प्रयास वोट में परिवर्तित नहीं हो सका। प्रशांत किशोर के अनुसार बिहार में चार तरह के मुख्य वोटर हैं, जिनमें जाति के आधार पर वोट देने वाले, धर्म देखकर वोट डालने वाले, लालू यादव की वापसी के डर से NDA को वोट देने वाले। BJP के डर से विपक्ष को वोट करने वाले शामिल हैं। PK के मुताबिक उनकी पार्टी पहले दो वर्गों को थोड़ा प्रभावित कर पाई, लेकिन बाकी दो वर्गों तक पहुँचने में असफल रही।
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गलत साबित हुई टाइमलाइन
भविष्य की रणनीति पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने साफ किया कि वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा के भी एक समय सिर्फ दो सांसद थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी योजना दस साल की थी, जिसमें तीन साल में सफलता मिलने का अनुमान था। "हमारी टाइमलाइन गलत साबित हुई, पर कोशिश बंद नहीं होगी। हमने जाति-धर्म का ज़हर नहीं फैलाया, हम फिर कोशिश करेंगे।"

