सुप्रीम कोर्ट में CJI से भिड़े प्रशांत भूषण, जजों से जुड़े घूसखोरी के मामले में चल रही थी सुनवाई

punjabkesari.in Saturday, Nov 11, 2017 - 05:24 PM (IST)

नई दिल्लीः वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बीच कोर्ट में तीखी बहस हो गई। दरअसल, पूरा उस दौरान गरमाया जब दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच जजों की एक बेंच ने दो जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के फैसले को बदल दिया। जजों के नाम पर कथित रिश्वतखोरी के मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 2 जजों की बेंच के उस ऑर्डर को रद्द कर दिया, जिसमें मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच बनाने को कहा गया था।

मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ली घूस
यह मामला उड़ीसा हाई कोर्ट के रिटायर जज आईएम कुद्देशी से जुड़ा है। कुद्देशी के ऊपर आरोप है उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए घूस ली है। हालांकि सीबीआई प्रकरण की जांच कर रही है। इस मामले में यह भी आरोप है कि कई सुप्रीम कोर्ट के जजों के नाम पर भी घूस लिया गई। प्रशांत भूषण इस मामले में एनजीओ ‘कैंपेन फॉर जूडिशियल एकाउंटैबिलिटी’ और याचिकाकर्ता कामिनी जायसवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि सीबीआई पर उन्हें भरोसा नहीं है। इसके चलते उन्होंने और एनजीओ ने मांग की थी, इस मामले की जांच सीबीआई की जगह कोई अन्य एसआईटी बनाकर किया जाए।

बिना अनुमति के बेंच केस नहीं सुन सकती
इसी याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को जस्टिस चेलेश्वरम् की बेंच ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ या पांच जजों की बेंच करे। शुक्रवार को भी यह मामला दो जजों के सामने सुनवाई के लिए आने वाला था। इसके बाद चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अगुआई वाली 5 जजों की गठित बेंच ने जस्टिस चेलेश्वरम् की बेंच को रद्द कर दिया। इस पर बेंच का कहना था ‘सीजेआई सुप्रीम कोर्ट के मुखिया हैं। उनके आवंटन के बिना कोई बेंच केस नहीं सुन सकती।’ एेसे में अब दो सप्ताह बाद दो जजों की दूसरी बेंच इस पर सुनवाई करेगी।

प्रशांत भूषण ने CJI पर भी लगाए आरोप
पांच जजों के बेंच के फैसले से प्रशांत भूषण संतुष्ट नहीं थे। मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सहित अन्य जजों और याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण के बीच गर्मा-गरम बहस हुई। भूषण ने अपनी आवाज तेज करते हुए चीफ जस्टिस से मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने को कहा क्योंकि सीबीआई की एफआईआर में कथित तौर पर उनका भी नाम है। सीजेआई ने बदले में भूषण से प्राथमिकी की सामग्री को पढ़ने को कहा और उन्हें अपना आपा खोने के खिलाफ चेतावनी दी। 


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