Post Office के सेविंग अकाउंट को लेकर अहम बदलाव, अब Aadhar Card....
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 04:36 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत में पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट को लेकर एक अहम बदलाव हुआ है। अब पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड का उपयोग किया जाएगा। इस कदम से न केवल खाता खोलने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, बल्कि कई अन्य लाभ भी मिलेंगे, जो पारंपरिक बैंक सेविंग अकाउंट्स से अलग होंगे। आइए जानते हैं पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट खोलने के फायदे और इसमें मिलने वाली खास सुविधाओं के बारे में।
Aadhar Card से खुलेगा सेविंग अकाउंट
पोस्ट ऑफिस ने आधार बायोमेट्रिक (Aadhar Biometric) के जरिए सेविंग अकाउंट खोलने के लिए e-KYC प्रक्रिया की शुरुआत की है। इस सुविधा के तहत नए ग्राहक पोस्ट ऑफिस काउंटर पर जाकर अपना खाता खोल सकते हैं और लेन-देन कर सकते हैं। इसके साथ ही पहले से पोस्ट ऑफिस के ग्राहक अपने KYC और eKYC को अपडेट करवा सकते हैं। इस प्रक्रिया के दूसरे चरण में अन्य योजनाओं जैसे TD, RD, MIS और SCSS के लिए भी खाता खोलने और लेन-देन की सुविधा दी जाएगी।
बैंक और पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस लिमिट
सेविंग अकाउंट खोलने के लिए आपको अपने अकाउंट में एक मिनिमम बैलेंस रखना होता है, और यह बैलेंस लिमिट बैंक और पोस्ट ऑफिस के लिए अलग-अलग होती है।
बैंक: बैंकों में मिनिमम बैलेंस की सीमा 1000 रुपये से शुरू होती है।
पोस्ट ऑफिस: पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की सीमा केवल 500 रुपये है।
बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों ही जगह आपको मोबाइल बैंकिंग, ATM, चेक बुक, ई-बैंकिंग, और आधार लिंकिंग जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
बैंक और पोस्ट ऑफिस की ब्याज दरें
ब्याज दरों के मामले में भी पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को आकर्षक ऑफर देता है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI): SBI अपने बचत खातों पर 2.70% वार्षिक ब्याज दर देता है, जो 10 करोड़ रुपये से कम जमा राशि वाले खातों के लिए है।
पोस्ट ऑफिस: पोस्ट ऑफिस अपने सेविंग अकाउंट पर 4% का ब्याज दर प्रदान करता है, जो कि अन्य बैंकों की तुलना में अधिक है।
बैंक के अन्य बचत खातों में ब्याज दरें 2.70% से लेकर 3.5% तक होती हैं, जबकि पोस्ट ऑफिस में आपको 4% ब्याज मिलता है, जो इसे एक बेहतर विकल्प बनाता है। अगर आप एक सुरक्षित और लाभकारी बचत खाता खोलने का सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट बैंक के मुकाबले ज्यादा ब्याज दर और कम मिनिमम बैलेंस लिमिट के साथ बेहतर विकल्प हो सकता है।