महिलाओं के लिए ‘केजरीवाल कवच कार्ड’ बना पोस्ट डेटेड चेक!
punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2024 - 08:31 PM (IST)
नेशनल डेस्क : ‘भरोसा’ चुनाव में सबसे बड़ा फैक्टर है। जनता को कौन भरोसा दिलाए या जनता किस पर भरोसा करे? ये बड़ा सवाल है।महिलाओं का वोट सबको चाहिए, सभी दल महिलाओं को रिझाने में जुटे हैं लेकिन महिलाओं को किस पर है भरोसा? ‘भरोसे’ में होता है विगत समय में व्यवहार कैसा रहा, स्वभाव में बदलाव कैसा रहा? दिल्ली की महिलाएं परखने में इसे माहिर रही हैं। चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव भरोसे का रुख कभी बीजेपी तो कभी आम आदमी पार्टी की ओर अलग-अलग रहा है। ये भरोसा कभी नरेंद्र मोदी की बनाई छवि के गिर्द इकट्ठा हुआ तो कभी अरविन्द केजरीवाल से चस्पां हुआ।
दिल्ली में 70.77 लाख महिला वोटर हैं। बीते विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 60 फीसद महिलाओं का समर्थन मिला था जबकि 49 फीसद पुरुषों ने दिए थे आम आदमी पार्टी को वोट। इसका नतीजा यह हुआ कि आम आदमी को 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले पुरुषों के वोट 6 प्रतिशत गिर जाने के बावजूद महिलाओं ने 7 प्रतिशत वोट बढ़ाकर 70 में 62 सीटें 2020 में दिला दीं। पिछले चुनाव से महज 5 सीटें कम।
अतीत की सफल योजनाओं से पैदा हुआ है भरोसा
दिल्ली की महिलाओं को बस में फ्री सफर करने का मौका मिला जिसकी मांग अब पूरे देश में होने लगी है और कई राज्यों को इस पर अमल करना पड़ा है। फ्री पानी, फ्री बिजली, तीर्थ यात्रा, मुफ्त इलाज जैसी घोषणाएं भी महिलाओँ को आकर्षित करती रही हैं। ऐसे में 2100 रुपये हाथ में नकद देने की योजना से तो दिल्ली की महिलाओं की आंखें चमक गयी हैं। इसका अहसास बीजेपी को भी है और प्रवेश वर्मा के घर में महिलाओं की लगी लाइन भी इसकी पुष्टि करती है। मगर, जो आज सरकार में नहीं हैं वो रकम दे रहे हैं तो कहां से दे रहे हैं? दूसरी जगहों पर सरकार में तो हैं। मसलन पड़ोस के यूपी में, हरियाणा में- वहां क्यों नहीं दे रहे? ऐसे सवाल भरोसे के सवाल को नये सिरे से जिन्दा करती हैं।
अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली की सरकार ने जो मुफ्त की कल्याणकारी योजनाएं आम लोगों के लिए और खास तौर से महिलाओँ के लिए शुरू की हैं उसकी सफलता से ‘केजरीवाल कवच कार्ड’ के प्रति भी भरोसा मजबूत हुआ है। यह भी सच है कि अरविन्द केजरीवाल ने ‘जनता का पैसा जनता के लिए’ सियासत की है। उनकी यह सियासत पूरे देश में फैल रही है। राजेंद्र नगर में रहने वाली पूनम की बातों को गौर से सुना। पूनम से सब्जी वाला पूछता है कि “कल तो बहुत बोल रही थी कि 2100 रुपये मिलने वाले हैं। अब तो खुद सरकार ही इनकार कर रही है?“
सब्जीवाला उस खबर पर चुटकी ले रहा था जिसके मुताबिक दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विज्ञापन के जरिए यह बताया था कि केजरीवाल कवच कार्ड जैसी कोई योजना नहीं है और यह अब तक अधिसूचित नहीं हुई है। मगर दिल्ली की महिला इसके पीछे की सियासत को भी समझती है और बखूबी जवाब भी देती है।
पूनम का जवाब सुनिए, “सरकार ने कब कहा कि 2100 रुपये देगी? हमें तो केजरीवाल पर भरोसा है। कह दिया सो कह दिया। सरकार फिर से आएगी तब तो मिलेंगे 2100 रुपये। तू अपने काम से काम रख।”एक बार फिर भरोसे का फैक्टर और दिल्ली में यह फैक्टर केजरीवाल के हक में है। इसकी परख जमीन पर पूनम जैसी महिलाएं करा देती हैं। कोंडली में रह रही काम वाली यानी कि मेड सबिता रानी में भरोसा अलग किस्म से दिखता है। वह गर्व से बताती हैं“हमारे तो कार्ड बन गये हैं। मैंने सुरक्षित रख दिया है।“
महिलाएं ‘रेवड़ी’ पर कुछ सुनने को तैयार नहीं
दिल्ली में लग रही ‘महिला सम्मान योजना’ के प्रति भरोसा और आकर्षण रजिस्ट्रेशन कैम्प में महिलाओं की भीड़ देखकर समझा जा सकता है। महिलाओं का केजरीवाल पर भरोसा पहले की तरह कायम दिखता है। पिछले दिनों जब विपक्षी दल के नेता एक रजिस्ट्रेशन कैम्प पर महिलाओं के बीच पहुंचे और अपने तरीके से बातें समझाने का प्रयास करने लगे, रेवड़ी पर लेक्चर देने लगे तो उन्हें महिलाओं के गुस्से का शिकार होना पड़ा।
महिलाएं मुफ्त में बस पर सफर करती हैं। यह अहसास रोज का है। इस अहसास को कोई खत्म नहीं कर सकता। जागरूक वोटर होने के नाते महिलाएं यह भी देख रही हैं कि दूसरे प्रदेशों में भी विभिन्न राजनीतिक दल अरविन्द केजरीवाल की योजना का ही नकल कर रहे हैं। वो भी महिलाओं के लिए मुफ्त सफर का भरोसा दिला रहे हैं। दिल्ली की महिलाओं को केजरीवाल की सियासत ने बचत सिखाया भी, कराया भी। और, अब नकद हाथ में देने की बात करें तो महिलाओं को अविश्वास क्यों हो?
दिल्ली की महिलाओं को फ्री बस से कम से कम 100 से 120 रुपये की बचत रोज होने लगी है। 3000 रुपये से 3600 रुपये तक की मासिक बचत। सालाना 36 हजार से 43,200 रुपये तक की बचत। इससे उनके जीवन में बड़ा फर्क आया है। अब आगे अगर 2100 रुपये महीने आने लगे। सालाना 25,200 रुपये की आमद होने लग जाए तो जीवन में बड़ी सहूलियत पैदा होगी। ये अवसर महिलाएं अब गंवाना नहीं चाहतीं। यही वजह है कि केजरीवाल कवच कार्ड अब उनके लिए एडवांस चेक हो गया है। -आशुतोष भारद्वाज, वरिष्ठ संवाददाता