दिल्ली-NCR में और बिगड़े प्रदूषण के हालात, AQI 500 के पार
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 08:50 AM (IST)
नेशनल डेस्क। दिल्ली की हवा का प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे राजधानी में रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है। पिछले 7 दिनों से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खराब हो रहा है और आज सुबह का AQI 495 तक पहुंच गया, जो इस मौसम में सबसे खराब स्तर है। दिल्ली के कई इलाकों जैसे आनंद विहार में AQI 500 तक पहुंच चुका है, जो कि बेहद खतरनाक माना जाता है।
एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में इजाफा
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, जिससे ये दोनों चीज़ें बहुत जरूरी बन गई हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का AQI ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और 484 पर दर्ज किया गया। यह इस मौसम का सबसे खराब AQI था। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने और मास्क पहनने पर मजबूर हैं।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए प्रदूषण कम करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी राज्यों को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत पाबंदियां लगाने के लिए निर्देशित किया। कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक AQI 300 से नीचे न आए, तब तक स्टेज 4 से नीचे कोई भी उपाय नहीं लिया जाएगा।
दिल्ली में कड़ी पाबंदियां लागू
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर 2024 से GRAP के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत कई कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे एक मेडिकल इमरजेंसी बताया और कहा कि पराली जलाने से दिल्ली की हवा और अधिक प्रदूषित हो रही है, खासकर बीजेपी शासित राज्यों में।
दिल्ली सरकार की सलाह
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बच्चों, बुजुर्गों, सांस के रोगियों, दिल के मरीजों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। साथ ही, दिल्ली सरकार ने सुझाव दिया है कि अगर जरूरत हो तो सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जा सकती है। इसके अलावा, सभी तरह के निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है और कूड़ा जलाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।