जयपुर में पुलिस की बर्बरता, रात 3 बजे हिरासत में ली गईं पुलवामा शहीदों की विधवाएं

punjabkesari.in Friday, Mar 10, 2023 - 03:35 PM (IST)

जयपुरः राजस्थान के जयपुर में पुलिस की बर्बरता देखने को मिली। दरअसल, पुलिस ने रात 3 बजे पुलवामा के 3 शहीदों की विधवाओं को हिरासत में ले लिया। राजस्थान पुलिस ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवानों की वीरांगनाओं को शुक्रवार तड़के यहां कांग्रेस नेता सचिन पायलट के घर के बाहर प्रदर्शन स्थल से हटा दिया। पुलिस ने उन्हें उनके आवासीय क्षेत्रों के पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया। जयपुर के आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि उनके समर्थकों को एसईजेड थाने ले जाया गया है। वीरांगनाओं के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद किरोड़ी लाल मीणा के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई तड़के करीब तीन बजे हुई जब मीणा अपने आवास गए थे। ये वीरांगनाएं 28 फरवरी से प्रदर्शन कर रही हैं और इन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए छह दिन पहले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी ताकि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके। उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  इन मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि शहीद जवानों के बच्चों के बजाए अन्य रिश्तेदारों को नौकरी देना क्या “उचित” होगा? उन्होंने पूछा, “हम शहीद के बच्चों के अधिकारों को रौंद कर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज ठहरा सकते हैं? बड़े होने पर शहीद के बच्चों का क्या होगा? क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है?” शुक्रवार सुबह मीना एसईजेड थाने गए और कहा कि सरकार वीरांगनाओं की आवाज नहीं दबा पाएगी।

मीणा ने कहा कि सरकार तीन वीर महिलाओं से इतना क्यों डरती है कि पुलिस उन्हें रातों-रात उठा ले गई। पता नहीं उन्हें कहां ले गए हैं? महिलाएं केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मिलने की गुहार लगा रही हैं। मुख्यमंत्री उनकी बात सुनकर इतना घबरा क्यों रहे हैं? उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि एसईजेड पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठा हूं। सरकार पुलिस के बल पर वीरांगनाओं की आवाज नहीं दबा पाएगी। एक निरंकुश और तानाशाही सरकार का अधिक ताकत के साथ विरोध किया जाएगा।

बाद में मीणा शहीदों की पत्नियों से मुलाकात करने के लिये गए लेकिन जयपुर जिले के चौमू कस्बे के तहत आने वाले सामोद थाने की पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। मीणा ने ट्वीट किया, मैं अपने समर्थकों के साथ सामोद बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन सामोद थाना पुलिस ने मुझे रोका और मेरे साथ दुर्व्यवहार व हाथापाई की। क्या वीरांगनाओं के साथ खड़ा होना इतना बड़ा गुनाह है कि अशोक गहलोत सरकार एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का आचरण कर रही है?


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Content Writer

Anu Malhotra

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