शिवपुराण के लुक में बसा ''श्री महाकाल लोक'', रुद्राक्ष-बेलपत्र बढ़ाएंगे शोभा...PM मोदी कल करेंगे लोकार्पण

Monday, Oct 10, 2022 - 01:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर धाम परिसर में नवनिर्मित भव्य महाकाल कॉरिडोर ‘श्री महाकाल लोक' का लोकार्पण करेंगे। पीएम मोदी मंगलवार शाम 6 बजे इस भव्य परिसर को देश को अर्पित करेंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत मंत्रिमंडल के कई सदस्य और भाजपा के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके पहले इस नवनिर्मित परिसर के लोकार्पण के लिए उज्जयिनी नगरी पूरी तरह सज-संवर कर तैयार हो गई। उज्जैन समेत प्रदेश भर के मुख्य मंदिरों को अद्भुत साज-सज्जा से सुशोभित किया गया है। 

 

108 अलंकृत स्तंभ, दिखेंगी शिव पुराण की कहानियां

पीएम मोदी कल भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित 856 करोड़ रुपए के महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। यहां दो भव्य प्रवेश द्वार, नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभ, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल जल्द ही उज्जैन में 'महाकाल लोक' की शोभा बढ़ाने वाले हैं। 

 

900 मीटर से अधिक लंबा गलियारा

900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर - 'महाकाल लोक' - भारत में सबसे बड़े ऐसे कॉरिडोर में से एक है, जो पुरानी रुद्रसागर झील के चारों ओर है, जिसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर (12 'ज्योतिर्लिंगों' में से एक) के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है। राजसी द्वार - नंदी द्वार और पिनाकी द्वार, गलियारे के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो प्राचीन मंदिर का प्रवेश द्वार और रास्ते में सौंदर्य के दृश्य प्रस्तुत करता है।

 

गलियारे में लगाए गए रुद्राक्ष और बेलपत्र

उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि उज्जैन एक प्राचीन और पवित्र शहर है और पुराने हिंदू ग्रंथों में महाकालेश्वर मंदिर के आसपास महाकाल वन की मौजूदगी का वर्णन है।  हमने गलियारे में स्तंभों और अन्य संरचनाओं के निर्माण में उपयोग की जाने वाली पुरानी, ​​सौंदर्य वास्तुकला के माध्यम से उस गौरव को फिर से जगाने का प्रयास किया है, और कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों को भी गलियारे में लगाया है. इसलिए धार्मिक महत्व वाली लगभग 40-45 ऐसी प्रजातियों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं।

 

शाम 5 बजे अपने घरों में जलाएं दीपक

मुख्यमंत्री चौहान ने श्री महाकाल लोक के लोेकार्पण के पहले प्रदेश की जनता से अपील की है कि लोकार्पण का निमंत्रण सभी को है, लेकिन चूंकि एक दिन में सभी यहां नहीं आ सकते, इसलिए लोग अपने गांव-शहर के मंदिरों और अपने घरों में शाम 5 बजे से दीपक जलाएं। भजन-कीर्तन, पूजन-अर्चना करें। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे जीवन सार्थक हो गया हो। 2016 में जो कल्पना आई थी कि एक ऐसी शिव सृष्टि जिसमें महाकाल महाराज के दर्शन के बाद भक्तों को शिव लीलाएं देखने को मिले।

 

2017 में विद्वानों से विचार-विमर्श हुआ और 2018 में कैबिनेट ने इस प्रकल्प को स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि श्री महाकाल लोक के प्रकल्प के बारे में जो सोचा था उससे कहीं बहुत उत्तम, अद्भुत, अकल्पनीय और एक ऐसा काम जो हमारी सांस्कृतिक अभ्युदय का काम है वह हुआ है। पूरी उज्जयिनी, अवंतिका, पूरा मध्यप्रदेश आनंद से भरा हुआ है। श्री महाकाल की इच्छा से ही यह कार्य संपन्न हुआ है और उनकी कृपा बरसेगी। अद्भुत आनंद का विषय यह है कि स्वयं प्रधानमंत्री पीएम मोदी अपने हाथों से लोकार्पण करेंगे।

Seema Sharma

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