PM मोदी ने पुलिस को डिजिटल खतरे से निपटने के लिए स्मार्ट रणनीति अपनाने का दिया मंत्र

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 09:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र में हिस्सा लिया और पुलिस बल को नए जमाने की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी के प्रभावी इस्तेमाल की दिशा में प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और आकांक्षी भारत की दोहरी शक्ति का उपयोग करते हुए इन चुनौतियों को अवसर में बदलें।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और डीपफेक के बढ़ते खतरे पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डीपफेक जैसी तकनीकों का गलत उपयोग समाज के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है और पुलिस को इस तरह की नई तकनीकी चुनौतियों का सामना करते हुए अधिक सतर्क, अनुकूलनीय, और पारदर्शी तरीके से काम करना होगा। पीएम मोदी ने इन समस्याओं से निपटने के लिए पुलिस बलों को सतर्क और रणनीतिक होने की सलाह दी।

डीपफेक और साइबर अपराध पर प्रधानमंत्री की चिंता
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विशेष रूप से डीपफेक की तकनीकी क्षमता पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के गलत उपयोग से न केवल व्यक्तिगत जीवन में संकट उत्पन्न हो सकता है, बल्कि यह पूरे समाज और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। डीपफेक के माध्यम से वीडियो और ऑडियो में बदलाव करके किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना या अफवाहें फैलाना एक गंभीर अपराध हो सकता है। उन्होंने पुलिस बलों से इस प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए सक्षम और सूझबूझ से भरी कार्रवाई की आवश्यकता की बात की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर भी पुलिस अधिकारियों से ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि कैसे आजकल के अपराधी इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफार्मों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे पुलिस बल को इन अपराधों को रोकने के लिए अधिक प्रभावी रणनीतियों की आवश्यकता है।

पुलिस बलों को प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करने की सलाह
प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस बलों को अपने कार्यों में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी, ताकि वे बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस बल के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे पुलिस अधिकारियों को बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों को केंद्र बिंदु बना कर संसाधनों का सही तरीके से आवंटन किया जा सकता है, ताकि हर क्षेत्र में पुलिस बल की पहुंच बेहतर हो सके और पुलिस सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

स्मार्ट पुलिसिंग के लिए सुझाव
प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट पुलिसिंग के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहरी पुलिस व्यवस्था में जो कदम उठाए गए हैं, उनकी सराहना करते हुए यह सुझाव दिया कि इन्हें एकत्रित करके पूरे देश के 100 प्रमुख शहरों में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र को विस्तार से समझाया और पुलिस बल से आग्रह किया कि वे रणनीतिक, सतर्क, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनें। उनका मानना था कि इन गुणों से पुलिस का कार्य अधिक प्रभावी और जनता के लिए भरोसेमंद बनेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की उपस्थिति
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में लगभग 250 पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, जबकि 750 से अधिक अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। सम्मेलन के समापन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। उनके अलावा, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुलिस बल के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उन्हें दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की।

पुलिस बल की क्षमता का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में पुलिस बल के कार्यों की सराहना की और उनकी कोशिशों को भविष्य में और अधिक प्रौद्योगिकी-संलग्न और सूचना-संचालित बनाने की दिशा में मार्गदर्शन देने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय के साथ पुलिस बलों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति, प्रशिक्षण और रणनीतिक दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन पुलिस बल के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रस्तुत करता है। उन्होंने न केवल पुलिस अधिकारियों से नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आह्वान किया, बल्कि उन्हें इस दिशा में सतर्क, विश्वसनीय और पारदर्शी तरीके से काम करने की भी सलाह दी।


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Content Editor

Mahima

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