बंगाल चुनावः पीएम मोदी ने गिनाए अपने दोस्त, बोले- दोस्तों की दिक्कत दूर करना ही मेरा काम

punjabkesari.in Sunday, Mar 07, 2021 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में रविवार को चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रैली को संबोधित किया और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के ‘दोस्तों को फायदा पहुंचाने वाले’ के लिए काम करने वाले बयान का भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आजकल हमारे विरोधी कहते हैं कि मोदी अपने दोस्तों के लिए काम करता है। हम सभी जानते हैं कि बचपन में हम जहां पले-बढ़े होते हैं, बचपन में जहां खेले-कूदे हैं, जिनके साथ पढ़े होते हैं, वे हमारे जीवन भर के पक्के दोस्त होते हैं। लेकिन मेरा जीवन शुरूआत से ही देश को समर्पित रहा है। पूरे देश के गरीब मेरे दोस्त हैं। मैं उन्ही के लिए काम कर रहा हूं।

बंगाल में भी मैंने अपने दोस्तों को 90 लाख गैस कनेक्शन दिए हैं। मैंने 7 लाख से ज्यादा अंधेरे घरों में मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर उजाला किया है। इसके अलावा 60 लाख से ज्यादा शौचालय और इज्जतघर बनवाए हैं। बंगाल में 32 लाख से अधिक पक्के घर बनाने की परमिशन दी है। दलित, पिछड़े, पीड़ित, शोषित, वंचित, मेरे सभी दोस्तों को इन योजनाओं का लाभ मिला है। लेकिन विपक्ष को इससे परेशानी है।

क्या दोस्तों की मदद करना गलत है?
पीएम ने कहा, 'बंगाल चायवाले और टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहन तो मेरे विशेष दोस्त हैं। मेरे ऐसे कामों से उनकी भी अनेक परेशानियां कम हो रही हैं। हमारी सरकार के प्रयासों से मेरे इन चायवाले दोस्तों को सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी लाभ मिलना तय हुआ है। कोरोना ने पूरी दुनिया में सबको परेशान किया, लेकिन मैंने अपने हर दोस्त को मुफ्त में राशन, गैस सिलेंडर दिए और करोड़ों रुपये बैंक खाते में जमा करवाए।

तय करें, 'दोस्ती' चलेगी या 'तोलाबाजी'?
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरे दोस्त जब दोस्ती निभाते हैं, तो गुस्से में विपक्षी दल इसमें भी रोड़े अटकाने का काम करते हैं। लेकिन आज मैं उनसे साफ-साफ कहना चाहता हूं, कान खोल कर सन लीजिए। मैं हिंदुस्तान के अपने 130 करोड़ दोस्तों की मदद करता रहूंगा। बंगाल या कोई और सरकार मुझे रोक नहीं पाएगी। मैं बंगाल के गरीब लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देना चहता हूं। लेकिन ममता बनर्जी को इसमें भी डर लग रहा है। इसलिए कह रही हैं, खेला होबा। इन्हों ने खूब खेला है। आपने क्या बाकी छोड़ा है। अब आप लोग ही तय करें 'दोस्ती' चलेगी या 'तोलाबाजी'?


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Content Writer

Yaspal

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