PM Modi ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के जन्मदिन पर लिखा दिल छू लेने वाला लेख,कहा- उनके जैसे नेतृत्व मिलना सौभाग्य की बात

punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 10:51 AM (IST)

नेशनल डेस्क: PM Modi ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी है। पीएम ने बधाई देते हुए एक्स पर लेख शेयर किया है। इसमें उन्होंने  भागवत जी के जीवन, उनकी विचारधारा और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। पीएम ने अपने लेख में भागवत जी के साथ अपने पुराने संबंधों को भी याद किया।

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पीएम मोदी का बधाई संदेश और लेख

पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि मोहन भागवत ने अपना पूरा जीवन 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के सिद्धांत पर चलते हुए सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने भागवत जी को एक असाधारण व्यक्ति बताया, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले रखा।

पीएम मोदी ने अपने लेख की शुरुआत 11 सितंबर के महत्व से की। उन्होंने इस दिन को स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए विश्व बंधुत्व के संदेश और 9/11 के आतंकी हमले दोनों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि आज के दिन एक ऐसे व्यक्तित्व का जन्मदिन है, जिन्होंने जीवनभर विश्व बंधुत्व के मंत्र को साकार किया है।

पीएम मोदी और भागवत परिवार का गहरा संबंध

लेख में पीएम मोदी ने मोहन भागवत के पिता स्वर्गीय मधुकरराव भागवत के साथ अपने पुराने संबंधों को याद किया। उन्होंने बताया कि उन्हें मधुकरराव जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला था। पीएम मोदी ने अपनी पुस्तक 'ज्योतिपुंज' में भी मधुकरराव जी के बारे में लिखा है। उन्होंने मधुकरराव जी को एक 'पारसमणि' बताया, जिन्होंने मोहन भागवत जैसे एक और 'पारसमणि' को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया।

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भागवत जी के जीवन को बताया प्रेरणादायक

पीएम मोदी ने भागवत जी के जीवन को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि भागवत जी 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। जब देश में आपातकाल के समय उन्होंने आपातकाल-विरोधी आंदोलन को मजबूती दी। उन्होंने महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी काम किया। पीएम ने कहा कि भागवत जी ने अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता से संभाला। 2009 में सरसंघचालक बनने के बाद भी उन्होंने पूरी ऊर्जा के साथ काम किया और 'राष्ट्र प्रथम' की विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।

संघ में परिवर्तन और युवाओं से जुड़ाव

पीएम मोदी ने कहा कि मोहन भागवत का कार्यकाल संघ में सबसे अधिक परिवर्तन का कालखंड रहा है। उनके नेतृत्व में गणवेश में बदलाव और संघ शिक्षा वर्गों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे बदलते समय के साथ चलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। पीएम ने बताया कि भागवत जी का युवाओं से सहज जुड़ाव है और वे उनसे संवाद करते रहते हैं, जिससे अधिक से अधिक युवा संघ से जुड़ते हैं।

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'अक्षयवट' की तरह संघ

पीएम ने अपने लेख में संघ की तुलना 'अक्षयवट' से की। उन्होंने कहा कि संघ एक अक्षयवट की तरह है, जो राष्ट्रीय संस्कृति और चेतना को ऊर्जा देता है। उन्होंने भागवत जी के पंच परिवर्तन के सूत्र स्व बोध, सामाजिक समरसता, नागरिक शिष्टाचार, कुटुम्ब प्रबोधन और पर्यावरण का भी जिक्र किया। 

बहुमुखी व्यक्तित्व और दूरदर्शिता

पीएम मोदी ने बताया कि मोहन भागवत मृदुभाषी हैं और उनमें दूसरों को सुनने की अद्भुत क्षमता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि भागवत जी को संगीत और गायन में रुचि है और वे कई भारतीय वाद्ययंत्रों में निपुण हैं। उन्होंने कहा कि भागवत जी ने 'स्वच्छ भारत मिशन' और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसे जन आंदोलनों में भी संघ परिवार को प्रेरित किया। वे आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण संरक्षण के भी प्रबल समर्थक हैं।

शताब्दी वर्ष का संयोग

पीएम मोदी ने बताया कि इस साल विजयादशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष का हो जाएगा। यह एक सुखद संयोग है कि विजयादशमी का पर्व, गांधी जयंती, लाल बहादुर शास्त्री की जयंती और संघ का शताब्दी वर्ष एक ही दिन आ रहे हैं। उन्होंने मोहन भागवत को एक दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक बताया, जिनके नेतृत्व में संघ कार्य का निरंतर विस्तार हो रहा है।

 


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News Editor

Radhika

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