असम में बोले PM मोदी, पूर्वोतर को विकास के लिए करना पड़ा लंबा इंतजार...अब ऐसा नहीं होगा
punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 02:28 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम से विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा हम सब हमेशा से सुनते आए हैं, देखते आए हैं कि देश की पहली सुबह पूर्वोत्तर से होती है। लेकिन सच्चाई ये भी है कि पूर्वोत्तर और असम में विकास की इस सुबह को एक लंबा इंतजार करना पड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। अगर हमारी सरकार यहां आती है तो वादा है कि असम विकास के रास्ते पर अग्रसर होगा।
पीएम मोदी ने रविवार को असम के ढेकियाजुलि में दो मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की आधारशिला रखी। बिश्वनाथ और चरईदेव में 1100 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले अस्पतालों में 500 बिस्तरों की सुविधा रहेगी तथा MBBS के लिए 100 सीटें होंगी।
इसके अलावा पीएम मोदी ने असम के राजमार्गों और प्रमुख जिलों के सड़क नेटवर्क के उन्नयन के लिए ‘असम माला' सड़क संपर्क परियोजना का भी शुभारंभ किया। असम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले महीने मैं असम में आकर गरीब, पीड़ित, शोषित लोगों को जमीन के पट्टों के वितरण कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मुझे सौभाग्य मिला था। तब मैंने कहा था कि असम के लोगों का स्नेह और आपका प्रेम इतना गहरा है कि वो मुझे बार-बार असम ले आता है। पीएम मोदी ने कहा कि हिंसा, अभाव, भेदभाव, तनाव, पक्षपात, संघर्ष इन सारी बातों को पीछे छोड़कर अब पूरा नॉर्थ ईस्ट विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
- ऐतिहासिक बोडो समझौते के बाद हाल ही में बोडोलैंड टेरीटोरियल के चुनावों ने यहां विकास और विश्वास का नया अध्याय लिख दिया है।
- मेरे देश के गरीब के घर में टैलेंट की कमी नहीं होती है। बस उन्हें अवसर नहीं मिलता। आजाद भारत जब 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है तो मेरा एक सपना है- हर राज्य में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज, कम से कम एक टेक्निकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करे।
- चुनाव के बाद असम में जब नई सरकार बनेगी, तो मैं असम के लोगों की तरफ से आपको वादा करता हूं कि असम में भी एक मेडिकल कॉलेज और एक टेक्निकल कॉलेज स्थानीय भाषा में हम शुरू करेंगे। धीरे धीरे ये बढ़ेगा, इसे कोई रोक नहीं पाएगा।
- आज केंद्र सरकार द्वारा असम के विकास के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम किया जा रहा है। असम भी देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है।
- आयुष्मान भारत योजना हो, जन औषधि केंद्र हो, प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम या हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र हो, सामान्य मानवी के जीवन में जो बदलाव आज पूरा देश देख रहा है वही बदलाव, वही सुधार असम में भी दिख रहे हैं।
- आज असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ लगभग सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है। इस योजना में 350 से ज्यादा असम के अस्पताल इस योजना में जुड़ चुके हैं। असम के 1.5 लाख गरीब आयुष्मान योजना से अपना मुफ्त इलाज करवा चुके हैं।