PM की आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक, ग्रोथ और जॉब के मुद्दे पर हुई चर्चा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 04:20 PM (IST)

नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित आर्थिक परिषद की पहली बैठक हुई। बैठक के बाद परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने बताया कि ग्रोथ और जॉब के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसको लेकर कुछ सिफारिशें की गई हैं, जिन्‍हें सार्वजनिक नहीं किया गया। परिषद की अगली बैठक नवंबर में होगी।

रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर चर्चा
बैठक के बाद देबरॉय ने बताया, ‘‘परिषद ने 10 मुद्दों पर चर्चा की और आने वाले महीनों में परिषद के सदस्य संबंधित मंत्रालयों, राज्यों, विशेषज्ञों, संस्थानों, निजी क्षेत्र और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।’’ परिषद ने जिन 10 क्षेत्रों की पहचान की है उनमें आर्थिक वृद्धि, रोजगार और रोजगार सृजन, असंगठित क्षेत्र तथा उसका समन्वय, राजकोषीय स्थिति, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक व्यय, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संस्थान, कृषि एवं पशुपालन, उपभोग की प्रवृत्ति और उत्पादन तथा सामाजिक क्षेत्र हैं। हालांकि, उन्होंने उस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया कि परिषद प्रधानमंत्री को आर्थिक वृद्धि को गति देने और रोजगार सृजन समेत विभन्न मुद्दों पर क्या सिफारिशें करने जा रही है।

परिषद में शामिल हैं ये सदस्य
प्रधानमंत्री ने गत 26 सितंबर को परिषद के गठन को मंजूरी दी थी। इसमें प्रख्यात अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ शामिल हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. बिबेक देवरॉय परिषद के अध्यक्ष हैं। नीति आयोग के प्रमुख सलाहकार रतन पी वातल इसके सदस्य सचिव हैं और डॉ. सुजित भल्ला, डॉ. रतिन रॉय और डॉ. अशिम गोयल इसके अंशकालिक सदस्य हैं।

गिरती अर्थव्यवस्था बड़ी चुनौती
आर्थिक सलाहकार परिषद (ई.ए.सी.) का गठन यू.पी.ए. सरकार जाने के तीन साल के बाद अब मोदी सरकार ने किया है। ई.ए.सी. के सामने गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने की प्रमुख चुनौती है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जी.डी.पी. की दर 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी जो कि बीते तीन सालों का निम्मतम स्तर है। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को विपक्ष के साथ अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा रहा है।


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