ऑफ द रिकॉर्डः चुनावी राज्यों में PM की तरफ से ताबड़तोड़ प्रचार नहीं

punjabkesari.in Thursday, Nov 22, 2018 - 10:48 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री द्वारा चुनावी राज्यों में अतीत में किए गए ताबड़तोड़ प्रचार के विपरीत मौजूदा स्थिति में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अजीब हालात देखने को मिल रहे हैं जहां मोदी गिनती की रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। वजह यह है कि निवर्तमान मुख्यमंत्रियों की खूब प्रशंसा की जा रही है। मोदी ने गुजरात में 34 और कर्नाटक में 24 रैलियों को संबोधित किया था। इस बार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मध्य प्रदेश में केवल 12 रैलियों को संबोधित किए जाने की संभावना है। वह दो बार राज्य का दौरा कर चुके हैं और 5 रैलियों को संबोधित किया है। राज्य में 28 नवम्बर को मतदान होना है इसलिए वहां चुनाव प्रचार 26 नवम्बर को खत्म हो जाएगा।
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मोदी केवल 2 दिन ही राज्य का दौरा कर पाएंगे। यह इस तथ्य के बावजूद है कि मध्य प्रदेश के 3 बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सरकार विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अतिरिक्त समर्थन की जरूरत है। छत्तीसगढ़ में भी प्रधानमंत्री ने केवल 5 रैलियों को संबोधित किया था। यद्यपि यह एक छोटा राज्य है मगर फिर भी मुख्यमंत्री रमन सिंह को चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन 3 राज्यों के निवर्तमान मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने खूब प्रशंसा की।
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शिवराज सिंह चौहान को विकास का प्रतीक बताया गया। इससे भाजपा में बहुत से नेताओं में असंतोष है क्योंकि न तो शाह ने और न ही मोदी ने इन राज्यों में हुए अच्छे काम के लिए पार्टी के अन्य नेताओं को कोई श्रेय दिया है। भाजपा में यह भावना उभर कर सामने आई है कि पार्टी नेतृत्व इन चुनावों में यह दर्शाना नहीं चाहता कि चुनाव प्रधानमंत्री बनाम विपक्ष का है। असम, मणिपुर, गोवा, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में हुए चुनाव से मौजूदा चुनाव प्रचार पूरी तरह भिन्न है जहां प्रधानमंत्री ने खुद चुनाव प्रचार की बागडोर संभाली हुई थी।

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Seema Sharma

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