पीएम ने पढ़ने की आदत डालने का आह्वान किया, कहा - तकनीक किताबों की जगह नहीं ले सकती इंटरनेट
punjabkesari.in Thursday, Sep 08, 2022 - 09:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इंटरनेट सूचना का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन यह किताबों की जगह नहीं ले सकता। यहां नवभारत साहित्य मंदिर द्वारा आयोजित ‘कलामानो कार्निवाल' पुस्तक मेला के उद्घाटन के अवसर पर अपने वीडियो-रिकॉर्डेड संदेश में मोदी ने यह भी कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में किताबें पढ़ने की आदत को पोषित करना बेहद जरूरी है - चाहे वह मुद्रित हो या डिजिटल।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे पूर्वजों ने इस बात पर जोर दिया कि हमें शास्त्रों, ग्रंथों और पुस्तकों का बार-बार अध्ययन करना चाहिए ताकि ज्ञान प्रभावी और उपयोगी बना रहे। आज के युग में लोग सोचते हैं कि वे हमेशा इंटरनेट की मदद ले सकते हैं। प्रौद्योगिकी निस्संदेह सूचना का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। लेकिन यह किताबों और किताबों के माध्यम से सीखने के तरीके की जगह नहीं ले सकता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब सूचना हमारे दिमाग में होती है, तो मस्तिष्क उस जानकारी को गहराई से प्राप्त करता है, जिससे नए आयाम बनते हैं। इससे नए शोध और नवाचार का रास्ता खुलता है।
किताबें इसमें हमारी सबसे अच्छी मित्र बन जाती हैं।'' मोदी ने कहा कि पुस्तक मेला ‘आजादी का अमृत महोत्सव' के दौरान हो रहा है और हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को पुनर्जीवित करना अमृत महोत्सव के प्रमुख पहलुओं में से एक है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम स्वतंत्रता संग्राम के भूले हुए अध्यायों की महिमा देश के सामने ला रहे हैं। ‘कलामानो कार्निवाल' जैसे आयोजन देश में इस अभियान को गति दे सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित पुस्तकों को महत्व दिया जाना चाहिए और ऐसे लेखकों को एक मजबूत मंच प्रदान किया जाना चाहिए।
उन्होंने याद किया कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने ‘वांचे गुजरात' अभियान शुरू किया था। मोदी ने कहा कि ‘कलामानो कार्निवाल' जैसी गतिविधियां उस संकल्प को आगे ले जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात का इतिहास पुस्तकों, लेखकों, साहित्यिक सृजन के मामले में बहुत समृद्ध रहा है। मैं चाहता हूं कि इस तरह के पुस्तक मेले गुजरात के हर कोने में लोगों तक पहुंचे, खासकर युवाओं तक ताकि वे समृद्ध इतिहास के बारे में जान सकें और इससे प्रेरणा पा सकें। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि पुस्तक मेला नए और युवा लेखकों को एक मंच प्रदान करता है और ज्ञान तथा साहित्य के विस्तार में भी मदद करता है।
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