ऑफ द रिकॉर्डः सोमवार को लोकसभा व मंगलवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की योजना

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2019 - 04:43 AM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (सी.ए.बी.) बुधवार को मंजूरी के बाद 9 दिसम्बर को लोकसभा में लाने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। हालांकि अमित शाह ने असम की भावनाओं को आत्मसात किया और असमियों की संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को रखा, अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा। 

दूसरी बार है कि जब मोदी सरकार ने 2016 में असफल होने के बाद सी.ए.बी. को स्थानांतरित करने का प्रयास किया जब इसे संयुक्त संसदीय समिति के लिए भेजा गया था। जे.पी.सी. को पूरे 3 साल लगे और इस साल जनवरी में उसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। विधेयक को लोकसभा में पारित किया गया था, लेकिन बाद में रद्द हो गया।

अब सरकार सोमवार को ही सी.ए.बी. को लोकसभा में लाना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यह अगले दिन मंगलवार को राज्यसभा में पहुंच जाए, क्योंकि संसद का शीत सत्र 13 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है। यह बिल लोकसभा में आसानी से पास हो सकता है, लेकिन सरकार को राज्यसभा में कठिनाई हो सकती है क्योंकि वहां स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार के पास वर्तमान में 238 सांसदों में से 110 का समर्थन है। विधेयक में पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारत का नागरिक बनना आसान बनाया गया है। इस बिल को जनवरी में लोकसभा ने पारित कर दिया था, लेकिन राज्यसभा में मंजूरी नहीं मिलने से यह रद्द हो गया।

यह विधेयक 1955 के कानून में 6 समुदायों-हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी से गैर-कानूनी प्रवासियों को छूट देने के लिए संशोधित है, इससे दिसम्बर 2014 या उससे पहले पहुंचने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। राज्यसभा में 238 सांसदों में से, शिवसेना द्वारा राजग से अलग होने के बाद 7 पद खाली हैं। इसके चलते विपक्ष निश्चित रूप से मोदी सरकार को शॄमदा करना चाहेगा जिसने सी.ए.बी. को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना दिया है।


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Pardeep

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