बैंकॉक हादसा: जोखिमों से टकराने का था शौक, साहस से एक कदम आगे चलते थे पायलट अरुणाक्ष

punjabkesari.in Tuesday, Mar 07, 2017 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्ली: एक सैनिक हमेशा बलिदान के लिए तैयार रहता है, बात चाहे देश को बचाने की हो या फिर जिंदगियों को। बैंकॉक में एयर एंबुलेंस हादसे में पायलट अरुणाक्ष नंदी तो नहीं बच सके, लेकिन उन्होंने चार लोगों की जिंदगी बचा ली। मूल रूप से जयपुर के रहने वाले अरुणाक्ष कभी जोखिमों से घबराते नहीं थे बल्कि साहस से भी एक कदम आगे चलते थे। अरुणाक्ष कारगिल युद्ध में भी अपने साहस को दिखा चुके हैं, उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। अरुणाक्ष के परिजनों के मुताबिक वे बहुत ही मिलनसार थे, जिससे भी एक बार मिलते उसे अपना बना लेते। 

कौन थे अरुणाक्ष नंदी
अरुणाक्ष रिटायर होने से पहले भारतीय वायुसेना में पायलट थे। उनकी जांबाजी सिर्फ आसमान में ही नहीं जमीन पर भी बेमिसाल थी। यही वजह थी कि अरुणाक्ष भारतीय एयरफोर्स के सूर्य किरण दस्ते में भी शामिल थे। सूर्य किरण दस्ता अपने बाइक स्टंट्स के लिए जाना जाता है। अरुणाक्ष ने करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।

कैसे हुआ हादसा
अरुणाक्ष सोमवार को मेदांता अस्पताल की एयर एंबुलेंस उड़ा रहे थे। एंबुलेंस ने नई दिल्ली से बैंकॉक के लिए उड़ान भरी थी। उसके जिम्मे डॉक्टरों की टीम की निगरानी में फेफड़े के एक मरीज को लाने का काम था। विमान ने कोलकाता में ईंधन भरा लेकिन नाखोन पैथेम हवाई अड्डे पर लैंडिंग से पहले ही हादसे का शिकार हो गया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पायलट अरुणाक्ष के निधन पर दुख जताया। विमान ने कोलकाता में ईंधन भरा लेकिन नाखोन पैथेम हवाई अड्डे पर लैंडिंग से पहले ही हादसे का शिकार हो गया। घटना में चार अन्य लोग घायल हुए हैं।


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