सबसे ज्यादा लोग किस धर्म को कह रहे अलविदा? सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 02:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दुनियाभर में धर्म परिवर्तन का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में जारी प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की एक विस्तृत रिपोर्ट ने दुनिया भर में धर्म परिवर्तन के बदलते पैटर्न को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 55 वर्ष से कम उम्र के हर 10 में से 1 व्यक्ति ने अपने बचपन का धर्म छोड़ दिया है।
दुनिया की कुल आबादी 800 करोड़ से अधिक है, जिसमें सबसे बड़ी संख्या ईसाई और इस्लाम धर्म को मानने वालों की है। लेकिन प्यू रिसर्च के ताज़ा अध्ययन से यह संकेत मिलते हैं कि आस्था का स्वरूप अब बदल रहा है, खासकर युवा पीढ़ी में।
ईसाई धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान, 'नेट लॉस' में सबसे ऊपर
रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई धर्म से सबसे अधिक लोग विमुख हो रहे हैं। हर 100 ईसाई में से 17.1 लोगों ने धर्म छोड़ा, जबकि केवल 5.5 लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया। इस तरह कुल 11.6% का शुद्ध नुकसान (Net Loss) दर्ज किया गया।
बौद्ध धर्म में सबसे ज्यादा धर्म त्याग, लेकिन कुछ नए भी जुड़े
बौद्ध धर्म से 100 में से 22.1 लोगों ने दूरी बनाई, वहीं 12.3 लोगों ने इसे अपनाया। इस तरह शुद्ध नुकसान 9.8% रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि बौद्ध धर्म की 'अवधारण दर' (Retention Rate) महज़ 78% है, जो सबसे कम है।
'Nones' यानी बिना किसी धार्मिक संबद्धता वाले लोगों की बढ़ती संख्या
रिपोर्ट का सबसे रोचक पहलू यह रहा कि धार्मिक रूप से असंबद्ध (Nones) वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। 100 में से 24.2 लोगों ने धर्म छोड़कर असंबद्धता को चुना। केवल 7.5 लोगों ने 'Nones' छोड़कर किसी धर्म को अपनाया।
इस प्रकार शुद्ध लाभ 16.7% रहा।
यह दर्शाता है कि आज की युवा पीढ़ी में धर्म से दूरी और वैचारिक स्वतंत्रता की ओर झुकाव तेजी से बढ़ रहा है।
इस्लाम और हिंदू धर्म में स्थिरता
इन दोनों धर्मों में धर्म परिवर्तन की दर काफी संतुलित पाई गई। छोड़ने और अपनाने वालों की संख्या लगभग बराबर है। यह धार्मिक समुदायों की सामाजिक जड़ता, पारिवारिक प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक मजबूती का परिणाम हो सकता है।
HDI के अनुसार धर्म परिवर्तन का पैटर्न
- उच्च मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों में धर्म परिवर्तन अधिक देखा गया।
- जिन देशों का HDI 0.8 या अधिक है (जैसे अमेरिका, कनाडा, यूरोप), वहां 18% वयस्कों ने बचपन का धर्म छोड़ा।
- वहीं, HDI 0.55 से कम वाले देशों (जैसे अफ्रीका व दक्षिण एशिया के हिस्से) में यह आंकड़ा महज 3% है। इसका कारण शिक्षा, आय, सामाजिक स्वतंत्रता और धार्मिक आज़ादी हो सकता है।